हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के संबंध में सीडीओ की अध्यक्षता में हुई बैठक
हिंडन का कायाकल्प करने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
अथाह सवाददाता
गाजियाबाद। गंगा जमुना की तरह हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसको पुरातन पहचान दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक की अध्यक्षता में संबंधित विभागों की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पर्यावरण एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसको पुरातन पहचान दिलाना हम सबका नैतिक कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिंडन नदी में गिरने वाले औद्योगिक कचरे व फैक्ट्रियों के दूषित केमिकलयुक्त पानी को रोकने के लिए उद्योगों की मैपिंग करते हुए जीरो डिस्चार्ज की दिशा में प्रयास किए जाएं। इसमें गिरने वाले नगरीय सीवरेज एवं ठोस अपशिष्ट की रोकथाम के लिए समेकित प्रयासों की आवश्यकता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को हिंडन नदी पर रिवर फ्रंट विकसित करते हुए हरनंदी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।उन्होंने संबंधित विभाग से 02 दिन के अंदर अपनी विभागीय कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मेरठ की ओर से गाजियाबाद में प्रवेश कर रही हिंडन नदी का सौंदर्यीकरण/वृक्षारोपण कराए जाने के लिए जीडीए, आवास विकास, नगर निगम एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं हिंडन नदी जिन-जिन ग्रामों से होकर गुजर रही है, उसके संबंधित लेखपाल एवं ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए गए कि अभिलेखों में दर्ज नदी/चारागाह की भूमि पर यदि वर्तमान में नदी नहीं बह रही है और उस पर यदि अवैध अतिक्रमण है, उसको तत्काल हटवा कर ग्राम सभा की ओर से वृक्षारोपण के संबंध में अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करें। मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि हिंडन एवं उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त एवं अविरल बनाए जाने के लिए प्लास्टिक थैलियों के साथ-साथ अन्य प्रकार की वस्तुएं एवं सामग्रियों को नदियों में न बहाये।
बैठक में परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित, नगर निगम, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, पशुपालन विभाग, प्रदूषण विभाग, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारीगण उपस्थित रहे।