Dainik Athah

भाजपा को जुमलों की हेराफेरी में महारत हासिल है: अखिलेश यादव

वादा खिलाफी भाजपा का वास्तविक चरित्र

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि वादा खिलाफी भाजपा का वास्तविक चरित्र है। जनता को धोखे में रखने के लिए नए-नए वादों और जुमलों की हेराफेरी में उसे महारत है। पवित्र मां गंगा और यमुना नदी से भी भाजपा धोखा करती है। युवाओं को तो छलती ही रही है। भाजपा की इन हरकतों से जनता तंग आ चुकी है। अब जनता भाजपा को आगे बर्दाश्त नहीं करेगी। सन् 2027 से पहले जनता भाजपा को वर्ष 2024 में ही निपटा देगी।

उन्होंने कहा चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने किसानों से मुफ्त सिंचाई का वादा किया था लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा सरकार अपने वादे से मुकर गई। प्रदेश में सूखे की छाया मंडरा रही है। किसानों को मुआवजा देने की जगह भाजपा सरकार अभी तक सर्वे का छलावा कर रही है। किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने का वादा भी भाजपा ने नहीं निभाया।

भाजपा सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। चुनाव के समय किसानों को सम्माननिधि दी गई थी अब उनसे वसूली हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों के खाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराने का प्रधानमंत्री ने दावा किया था लेकिन एक रूपया भी किसी के खाते में कभी नहीं आया। नोटबंदी करके कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद समाप्त करने का भरोसा दिलाया गया था। इनमें से कुछ भी नहीं समाप्त हुआ बल्कि और बढ़ गया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में सवा सौ करोड़ रूपए खर्च हो गए पर आगरा में यमुना साफ नहीं हुई। ताज महल के पीछे दशहरा घाट पर पहले से 13 गुना ज्यादा गंदगी है। मां गंगा की पुकार पर अहमदाबाद से वाराणसी आए प्रधानमंत्री जी गंगा को अविरल, निर्मल बनाने की बहुत चर्चा करते रहे हैं पर आज भी मां गंगा की पवित्रता के साथ प्रतिदिन खिलवाड़ किया जा रहा है।

ह्यनमामि गंगे योजनाह्य के नाम पर भाजपा सरकार ने सिर्फ प्रचार और घोटाला किया है।कानपुर में बुधवार को डेढ़ घंटे में एक करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में गिरा। जीवन दायिनी मां गंगा की ऐसी दुर्दशा अत्यंत पीड़ा दायक है। आदि गंगा गोमती नदी में नालों का पानी बह रहा है। जलकुंभी और गंदगी से गोमती नदी का जल अब आचमन योग्य भी नहीं रह गया है।

सपा प्रमुख ने कहा भाजपा सरकार ने सबसे बड़ा छल तो नौजवानों के साथ किया। दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया पर एक लाख को भी नौकरी नहीं दी। उद्योग धंधे फाइलों में चल रहे है। नौकरी के नाम पर नौजवानों को सिर्फ भटकाया गया है।

परीक्षाओं में धांधली आम बात हो गई है। युवा बेरोजगारों की फौज को राष्ट्र की प्रगति और विकास में भागीदारी से जानबूझकर वंचित किया जा रहा है। भाजपा सरकार की रुचि संविदा और आउटसोर्स के धंधे को बढ़ावा देकर युवाओं को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की हैं। भाजपा सरकार की इन हरकतों को आखिर जनता कब तक बर्दाश्त करेगी?

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