Dainik Athah

जीडीए अधिकारियों ने ली राहत की सांस, सीबीआई जांच का संकट टला

स्वर्ण जयंती पुरम आवासीय भू आवंटन घोटाले की अनुपालन आख्या हाईकोर्ट में दाखिल

दैनिक अथाह पाठकों के साथ साझा करेगा घोटाले के तमाम तथ्य

आलोक यात्री
गाजियाबाद।
स्वर्ण जानती पुरम आवासीय योजना के भूखंड आवंटन घोटाले में गुरुवार को हाई कोर्ट में जीडीए और शासन द्वारा अनुपालन आख्या दाखिल कर दी गई। बताया जाता है कि हाई कोर्ट ने परीक्षण के लिए अनुपालन आख्या स्वीकार कर ली है। हाई कोर्ट द्वारा इस प्रकरण में फिलहाल कोई सख्त कदम न उठाए जाने के बाद जीडीए के अफसरों की थमी सांस वापस लौट आई है। उन्हें अब तक प्रकरण की जांच सीबीआई के हवाले किए जाने का खतरा सता रहा था। भरोसेमंद सूत्रों का कहना कि इस प्रकरण में हाल ही में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी को स्थानीय अदालत से जमानत मिल गई है। समाचार लिखे जाने तक इस खबर की पुष्टि के प्रयास जारी थे। इस प्रकरण को न्यायालय तक पहुंचाने वाले पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि जीडीए और शासन की ओर से दाखिल अनुपालन आख्या का जवाब देने के लिए उन्होंने अदालत से समय मांगा है।

गौरतलब है कि स्वर्ण जयंती पुरम योजना में भूखंड आवंटन में 19 साल पहले से चले आ रहे करोड़ों रुपए के घपले का मामला सामने आया था। पार्षद राजेंद्र त्यागी द्वारा योजना में धांधली की शिकायत 2011 में की गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर 2017 में इस प्रकरण की जांच शुरू हुई थी। प्रकरण की गूंज उच्च स्तर पर सुनाई देने लगी तो शासन की ओर से यह प्रकरण जांच के लिए मुरादाबाद कमिश्नर को सौंपा गया था। 2019 में जांच रिपोर्ट सामने आने के बावजूद अब से पूर्व कोई कार्रवाई सामने नहीं आई थी। शिकायतकर्ता राजेंद्र त्यागी ने आरोप लगाया था कि जीडीए के तत्कालीन अधिकारी डीपी सिंह, हीरालाल, आरपी पांडेय, आरसी मिश्रा सहित कई कर्मचारियों को बचाने के लिए बड़ा खेल किया जा रहा है।

यहां यह बताना जरूरी है कि इस प्रकरण की पिछली सुनवाई पर सरकार के प्रतिनिधि अधिवक्ता द्वारा खंडपीठ से अनुपालन आख्या दाखिल करने का एक और अवसर देने के लिए आग्रह किया गया था। इस पर कोर्ट ने सरकार के रवैए पर नाराजगी जताई थी। सूत्रों का कहना है कि सरकारी अधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में यह भी कहा कहा था कि कोर्ट अगर एक और अवसर दे दे तो वह जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 जुलाई निर्धारित करते हुए पुलिस व शासन पर 25 हजार रुपए का हजार्ना लगाया था। दैनिक अथाह द्वारा इस प्रकरण की पड़ताल में कई और तथ्यों सामने आए हैं। कुछ नए तथ्यों से पाठकों को जल्द ही अवगत करवाया जाएगा।

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