तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अलर्ट सिस्टम विकसित करने पर सरकार का जोर
आकाशीय बिजली से हानि से बचाव को लागू होगा लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम
अथाह ब्यूरो,
लखनऊ। आकाशीय बिजली जैसी दैवीय आपदा को टाला नहीं जा सकता लेकिन समय रहते सटीक पूवार्नुमान से इससे होने वाली जन, पशु व धन की हानि को काफी कम किया जा सकता है। ऐसी आपदाओं में खजाना खोलकर पीड़ितों की मदद करने वाली योगी सरकार का फोकस सहायता के साथ ही आपदा पूर्व सटीक पूवार्नुमान से हानि को न्यूनतम स्तर पर लाने की है। सरकार की संवेदनशील मंशा खासकर जन हानि रोकने की है क्योंकि आर्थिक सहायता से सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई तो हो जाती है लेकिन किसी की मृत्यु उसके परिवार के लिए अपूर्णीय क्षति होती है।
मौसम विभाग के सिस्टम के जरिये आंधी-तूफान, भारी बारिश आदि को लेकर सही पूवार्नुमान होने से लोग पहले से अलर्ट हो जाते हैं। इससे पहले की अपेक्षा मानव, पशु, सामान आदि की होने वाली क्षति में काफी कमी आई है। अब सरकार ऐसा सिस्टम विकसित करने पर जोर दे रही है जिससे आकाशीय बिजली का भी समय रहते सटीक अनुमान लगाकर लोगों को अलर्ट कर उन्हें क्षति से बचाया जा सके।
आकाशीय बिजली से बचाव के संबंध में देश के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई तकनीक उपलब्ध है। सरकार का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग कर आकाशीय बिजली की आशंका वाले क्षेत्रों के नागरिकों को पहले से सतर्क कर उनकी जीवन रक्षा की जा सकती है। इसी तकनीकी के तहत दामिनी ऐप विकसित किया गया है। सरकार इस मोबाइल ऐप के प्रति लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। इससे समय रहते लोगों को क्षेत्रवार आकाशीय बिजली गिरने के बारे में जानकारी मिल जाएगी और लोग उन स्थानों पर खुद जाने से और पशुओं को जाने देने से बचेंगे।
साथ ही वहां कोई सामान होने की दशा में उसे समय रहते अन्यत्र हटा देंगे। इस दिशा में सरकार आकाशीय बिजली के लिए लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम का क्रियान्वयन करने जा रही है। इसी क्रम में जिला स्तरीय इमरजेंसी आॅपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देकर हानि को रोका जाएगा।
आकाशीय बिजली से बचाव का तरीका
आशंका वाले क्षेत्र में पेड़ के नीचे न खड़े हों . बिजली के खंभों से दूर रहें . धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें . विद्युत उपकरणों का उपयोग न करें .मोबाइल व टेलीफोन का उपयोग न करें. नदी, तालाब-पोखरे में तैर या नहा रहे हैं, तो उससे निकल कर भूमि पर आ जाएं।
आपदा मित्र एवं आपदा सखी योजना भी बनेगी मददगार
आकाशीय बिजली समेत अन्य आपदाओं को रोकने और लोगों की जान बचाने में सरकार की आपदा मित्र एवं आपदा सखी योजना भी काफी मददगार बनेगी। प्रशिक्षित आपदा मित्र और आपदा सखियों को बचाव के उपकरण व सेफ्टी किट से लैस किया जाएगा ताकि किसी भी आपदा से निपट सके। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की 10 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन 1070 को 112 हेल्पलाइन से इंट्रीग्रेटेड भी किया जाएगा।
24 घण्टे में दी जाती है अनुग्रह सहायता राशि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आकाशीय बिजली, तूफान व अन्य आपदा में पीड़ितों की सहायता के लिए सदैव संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने इसे लेकर 24 घण्टे में पीड़ितों को अनुग्रह सहायता राशि उपलब्ध कराने के आदेश दे रखे हैं। आपदा आने पर इसकी मॉनिटरिंग वह खुद करते हैं। सरकार की तरफ से अधिसूचित आपदा (आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि, डूबने आदि) से होने वाली जनहानि, धनहानि व पशुहानि आदि में राज्य आपदा मोचक निधि से अनुग्रह सहायता दी जाती है। इसके अंतर्गत अधिसूचित आपदा से मृत्यु की दशा में प्रति मृतक चार लाख रुपये, शारीरिक अक्षमता (40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक) पर प्रति व्यक्ति 59,100 रुपये, 60 प्रतिशत से अधिक शारीरिक अक्षमता होने पर प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये, गंभीर चोट से एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होने तक प्रति व्यक्ति 12700 रुपये और एक सप्ताह से कम अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति व्यक्ति 4300 रुपये अनुग्रह राशि का प्रावधान है।