उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक मुहवरा तेजी से प्रदेश के साथ ही पूरे देश में वारयल हुआ। वह था बुलडोजर बाबा। चुनाव परिणाम आने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने बुलडोजर पर खड़े होकर जुलूस निकाला। इतना ही नहीं वर्तमान एमएलसी चुनाव में तो एक प्रत्याशी बुलडोजर पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचे। बुलडोजर बाबा पूरे देश में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही यदि उत्तराखंड की बात करें तो वहां पर एक नया नारा गूंजा। वह नारा था धाकड़ धामी। धामी ने इस नारे को चरितार्थ भी कर दिखाया। भाजपा की सत्ता में वापसी कराने में जुटे पुष्कर सिंह धामी ने चाहे अपनी खुद की सीट हार दी हो, लेकिन अनेक मिथकों को तोड़कर उन्होंने उत्तराखंड में भाजपा की सत्ता में वापसी ही नहीं करवाई, दो तिहाई बहुमत दिलाया। इस जीत ने साबित कर दिया कि धाकड़ धामी का नारा भी उन्होंने सच साबित कर दिया। बेहद मिलसार, मृदुभाषी, पूरी तरह से काम में मग्न रहने वाले धामी ने इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास का मिथक भी तोड़ा। यह कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री इस निवास में रहा वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। यहीं कारण था कि हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस निवास में रहने की नहीं सोची। लेकिन धामी मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री आवास में रहते थे। अब यह अपशगुन भी दूर हो गया। यह भी ठीक वैसा ही है जैसे यह कहा जाता था कि नोएडा जो मुख्यमंत्री आता है उसकी कुर्सी चली जाती है। लेकिन योगी ने भी इस मिथक को धो डाला था। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले धामी ने इस मिथक को भी तोड़ा कि कोई दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बना। इस लिहाज से यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिये कि ‘धाकड़ धामी’ अब पहले से ज्यादा मजबूती से उत्तराखंड में सरकार ही नहीं चलायेंगे, बल्कि वे लोगों की अपेक्षाओं पर भी खरे उतरेंगे।