जिले के पांचों विधायक मंत्री पद की दौड़ में
कोई विधायक लखनऊ में तो कोई आज से अपने आवास पर करेंगे न्यौते का इंतजार
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जैसे जैसे योगी आदित्यनाथ की 2.0 सरकार की शपथ ग्रहण का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही विधायकों की धड़कन भी बढ़ रही है। जिले के सभी विधायकों को चिंता इस बात की है कि उनका नाम मंत्रियों की सूची में है अथवा नहीं।
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। जो पांच विधायक चुनाव जीते हैं वे सभी 2017 के चुनाव में भी जीत हासिल कर चुके हैं। चुनाव में जीत हासिल होने के साथ ही सभी विधायक मंत्री पद की दौड़ में लग गये। इसमें सबसे पहला नाम यदि कोई आता है तो तीसरी बार विधायक बनें हैं। जबकि लगातार दूसरी बार। इसके साथ ही प्रदेश में सबसे बड़ी जीत दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से विजयी होने का कीर्तिमान भी उनके ही नाम रहा है। इतना ही नहीं सुनील शर्मा ब्राह्मण नेता के रूप में भी स्थापित होते जहा रहे हैं। संघ पृष्ठ भूमि होने के कारण वे मंत्री पद के जिले में सबसे बड़े हकदार है।
इसके बाद यदि बात करें गाजियाबाद शहर से लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने वाले अतुल गर्ग की तो वे वर्तमान में भी प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री है। इसके साथ ही एक लाख से अधिक मतों से जीतकर उन्होंने मंत्री पद दावा मजबूत किया है। उन्हें संघ के एक मजबूत स्तंभ का आशीर्वाद माना जाता है। इसी आशीर्वाद के कारण हस्तिनापुर के दिनेश खटीक मंत्री बनने में सफल रहे थे।
इसके बाद मुरादनगर से विधायक अजीत पाल त्यागी की बात करें तो करीब एक लाख मतों से रिकार्ड जीत हासिल कर उन्होंने मंत्री पद पर मजबूती से दावा ठोका है।
इसके साथ ही वे त्यागी समाज के नेता के रूप में स्थापित हो रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में किठौर से सत्यवीर त्यागी विधायक बनें थे। लेकिन वे इस बार चुनाव हार गये। अजीत पाल त्यागी के संबंध में सूत्र बताते हैं कि वे भी संघ की पसंद है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिस प्रकार प्रदेश की अनेक विधानसभाओं में उनका उपयोग किया उसे देखते हुए उनका दावा इस बार मजबूत है। बता दें कि जिले में मतदान के अगले ही दिन उन्हें देवबंद भेज दिया गया था। इसके बाद बिजनौर की नूरपुर, वहां से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में ड्यूटी पर लगाया गया। शायद ही कोई प्रत्याशी हो जिसे उनके अपने क्षेत्र में मतदान के तत्काल बाद प्रदेशभर में दौड़ाया गया हो।
इसके बाद मोदीनगर विधायक डा. मंजू शिवाच भी लगातार दूसरी बार विधायक बनी हैं। पेशे से चिकित्सक डा. मंजू का नाम पहले मंत्रिमंडल विस्तार में भी चला था। उन्हें मंत्री बनाकर महिला कोटे के साथ ही चिकित्सक, जाट एवं साथ ही ठाकुर परिवार की बेटी होने के कारण एक तीर से कई निशाने लगते हैं। मृदुभाषी डा. मंजू शिवाच राजनीति में आने से पहले से ही जनसेवा में भी जुटी रहती है। उन्हें पार्टी ने लखीमपुरी जैसे क्षेत्र में विशेष रूप से चुनाव प्रचार के लिए भेजा था।
अंत में बात करें लोनी से लगातार दूसरी बार विजयी हुए भाजपा के धाकड़ विधायक नंद किशोर गुर्जर की तो उनके संबंध में यह माना जाता है कि कट्टर हिंदू छवि के कारण एवं गुर्जर मतों को साधने के लिए उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि लगातार विवादों में रहने वाले नंद किशोर का नाम संगठन की तरफ से हो सकता है। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लोनी आने के कारण उन्हें शाह का नजदीकी माना जा रहा है।
अब यह तो 24 मार्च को ही पता चलेगा कि आखिर किसके सिर बंधेगा मंत्री पद का सेहरा एवं किसे मिलेगी लाल बत्ती। लेकिन विधायकों की धड़कनें अब बढ़ने लगी है।