हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर एक बार फिर से जांच और निगरानी बढ़ाने पर जोर
अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली। चीन में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बुधवार शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मंत्री ने संक्रमण की निगरानी और इसके कारण होने वाले प्रकार पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने डेल्टाक्रॉन वैरिएंट की रिपोर्टों की निगरानी रखने के लिए कहा है जो अन्य देशों में भी लोगों को संक्रमित कर रहा है।
केंद्र सरकार के अफसरों के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इंटरनेशनल ट्रेवल पॉइंट्स यानी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर एक बार फिर से जांच और निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया है। वहीं, भारत में कोरोना संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने को भी कहा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कि क्या देश में एक नए वैरिएंट यानी डेल्टाक्रॉन की उत्पत्ति हुई है या नहीं?
चीन और यूरोप के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टाक्रॉन के मामले डराने लगे हैं। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA 2 के कारण मामले रहे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट भारत में BA 2 से नई लहर आने की बात की आशंका कम जता रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोविड-19 के वायरस के 5 सब-वैरिएंट हैं- BA.1, BA.1.1, BA.2, BA.2.2 और BA.3 अब जिस वायरस ने चिंता बढ़ा दी है, उसका वैज्ञानिक नाम BA.1 +B.1 617 2 है। माना जा रहा है कि एक ही समय में डेल्टा और ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज से डेल्टाक्रॉन का उदय हुआ है। ब्रिटेन में सबसे पहले इसके केस सामने आए थे।
चीन में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 5200 से ज्यादा नए मामले देखने को आए। चीन में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई शहरों में लॉकडाउन लगा है और 3 करोड़ से ज्यादा लोग सख्त पाबंदियों में जीने को मजबूर हैं। पिछले 2 साल से जारी कोरोना महामारी के दौरान चीन में इससे पहले केवल 2 बार ही 5 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे। दोनों बार ऐसे मामले वुहान शहर में सामने आए थे, जिसे दुनिया भर में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का केंद्र माना जाता है। ऐसे में महामारी के उतार के दौर में चीन में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने से चीन की टेंशन बढ़ती जा रही है।