विस चुनाव के बाद अब भाजपा की नजर विधान परिषद चुनाव पर
पिछले चुनाव में 36 में से 33 सीटों पर सपा ने किया था कब्जा
15 से 22 मार्च तक दाखिल होंगे नामांकन
होली के बाद ही प्रत्याशी घोषित करेगी भाजपा
अशोक ओझा,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश विधानसभा (स्थानीय निकाय) की 36 विधान परिषद सीटों पर लगी है। भाजपा इन सीटों पर कब्जा कर विधान परिषद में भी बहुमत प्राप्त करना चाहती है। विधान परिषद के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा।
विधान परिषद की 36 सीटों के लिए चुनाव विधान सभा से पहले ही होना था। लेकिन चुनाव आयोग ने इस चुनाव को बाद में कराने का निर्णय लिया। चुनाव के लिए एक बार इसकी तारीखों में बदलाव हो चुका है।
यदि विधान परिषद के पिछले चुनाव को देखें तो उस समय प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने 36 में से 33 सीटों पर कब्जा किया था। उस समय विरोधी दलों के प्रत्याशियों की हिम्मत नामांकन करने की भी नहीं हुई थी। तीन सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा किया था। इस चुनाव के लिए नामांकन 15 से 22 मार्च तक होंगे तथा नौ अप्रैल को मतदान होगा। इन चुनावों में जीत हासिल कर पार्टी विधान परिषद में बहुमत हासिल कर सकती है। वर्तमान में उसके 36 सदस्य है, जबकि 15 एमएलसी बनने पर उसका बहुमत हो जायेगा।
भाजपा सूत्रों पर भरोसा करें तो पार्टी एवं संघ चाहते हैं कि इस चुनाव में पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं जिन्हें कैडर कहा जाता है को अवसर दिया जाये। इसके साथ ही चुनाव के दौरान अन्य दलों से आये प्रभावशाली नेताओं के नामों पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में हारने वालों को इस बार कम ही मौका दिया जायेगा। हालांकि विधानसभा चुनाव हारे हुए कार्यकर्ता भी फिर विधान परिषद के लिए ताल ठोंकने को तैयार है।
इस समय चूंकि उत्तर प्रदेश में नयी सरकार के गठन की तैयारी चल रही है। इस कारण नेतृत्व इन तैयारियों में तथा मंत्रिमंडल के चेहरों के नाम तय करने में जुटा है। लेकिन संगठन स्तर पर विधान परिषद चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए दावेदारों ने प्रदेश के साथ ही देश की राजधानी में डेरा डालना शुरू कर दिया है।
यदि गाजियाबाद- हापुड़- मेरठ- एवं बागपत सीट की बात करें तो इस सीट पर साढ़े चार हजार से मतदाता है। इस चुनाव में नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के सभासदों, पार्षदों के साथ ही चेयरमैन, महापौर, जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी सदस्य एवं ग्राम प्रधान मतदान करेंगे। इस सीट पर वर्तमान समय में भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा, भाजपा नेता सुदन रावत, ब्रजपाल तेवतिया, भोजपुर के पूर्व ब्लाक प्रमुख कृष्णवीर सिंह का नाम चल रहा है। सिवालखास से चुनाव हारे मुनेंन्द्र पाल एवं पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी के नाम भी पहले चले थे। लेकिन ये दोनों विधानसभा चुनाव हार चुके हैं जिस कारण इनके नामों पर विचार की संभावना कम है।
भाजपा सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही परिषद चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और महामंत्री संगठन सुनील बंसल के बीच एक दौर की बैठक हो गई है। चुनाव में उन लोगों के नामों पर भी विचार हो रहा है जिन्हें विधानसभा का टिकट नहीं मिला था। इसके साथ ही हारे हुए कुछ मंत्रियों जिनमें सुरेश राणा भी शामिल है को भी इन चुनाव में उतारने पर पार्टी विचार कर सकती है।
अब सभी की नजरें विधान परिषद के प्रत्याशियों के साथ ही नये मंत्रिमंडल पर भी लगी है। सूत्र बताते हैं कि प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होली के बाद की जायेगी।