बाबा के दर्शनों के साथ ही चेहरा दिखाने की होड़!
अब जबकि प्रदेश में सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान शेष है ऐसे में फूल वाली पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं ने काशी में डेरा डाल लिया है। इसके भी कई मायने है। एक तरफ बाबा के दर्शनों का लाभ मिलेगा। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि काशी में इन दिनों फूल वाली पार्टी के बड़े चेहरे विराजमान है तो उन बड़े चेहरों के सामने एक जाकर एक बार प्रणाम करने के साथ ही चेहरा दिखाने का मौका भी मिल जायेगा। साथ ही यह संदेश दिया जायेगा कि देखिये हम काशी तक प्रचार में जुटे हैं। हालांकि इसमें खर्चा ऐसे लोगों को खुद करना पड़ रहा है। होटल में ठहरने का खर्च तो है ही, भोजन अवश्य प्रत्याशी के यहां किया जा सकता है। ऐसे में काशी के होटल वालों की पौ बारह हो रही है। कुछ तो पूरे दिन घूमकर यह मालूम करते हैं कि कौन नेता किस होटल में ठहरे हैं।
फेसबुक पर पास के जरिये साबित करना पड़ेगा हम भी …
इन दिनों लोगों में खबरची बनने की होड़ सी लगी है। लिखना चाहे एक लाइन न आती हो, लेकिन तमगा पत्रकार का चाहिये। ऐसा कह कर लोगों पर रोब जमाना होता है। कोई कहीं से पहचान पत्र हासिल कर लेता है, बावजूद उसे उसके पड़ौसी ही पत्रकार मानने को तैयार नहीं होते। लेकिन जब भी कोई बड़ा कार्यक्रम हो, चुनाव हो तब किसी भी प्रकार से पास बनवाने की होड़ सी लग जाती है। जो कहीं नजर आते वे पास के लिए मारामारी करते दिखते हैं। ऐसा हो भी क्यों न जब किसी सिफारिश (चाहे मीडिया वालों की हो) से पास बन जाये तो उसे तत्काल फेसबुक पर डाला जाता है। यह साबित करने के लिए कि मैं भी पत्रकार हूं। इन कथित पत्रकारों को लेकर इन दिनों मीडिया वालों के बीच ही चर्चा का बाजार गर्म है। इतना ही नहीं ऐसे तथा कथित लोगों ने यह भी मालूम करना शुरू कर दिया है कि पास कब बनेंगे। बेचारा विभाग करे तो क्या।