… सरकार बदली तो पार्षद जी भी बदल लेंगे पाला
गाजियाबाद जिले में पहले चरण में मतदान के दौरान फूल वाली पार्टी के कुछ पार्षद दूसरे दलों में स्वामी भक्ति दिखा रहे थे। यहीं कारण है कि मुरादनगर सीट पर एक पार्षद जी ने पहले प्रत्याशी की पत्नी का विरोध करवाया, जब बात ऊपर तक पहुंची तो लगे सफाई देने। यह सर्व विदित है कि पार्षद जी की निष्ठा पहले से ही कहीं और है। अब चुनाव के वक्त निष्ठा तो जग ही जाती है। अब पार्षद जी चाहते हैं कि यदि सरकार बदले तो फिर पाला बदलना भी उचित रहेगा। यदि सरकार नहीं बदली तो हाथ- पैर जोड़कर फिर से टिकट पाने की जुगाड़ में लगेंगे। इस पर दरबारी लाल से फूल वाली पार्टी के एक नेताजी कहते हैं कि ऐसे लोगों से कैसा होगा पार्टी का भला।
… और आंदोलन खत्म होते ही हट गई नेताजी की बत्ती
विधानसभा चुनाव से पहले पूरे देश में किसान आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन का उसके ही कथित कार्यकर्ताओं ने जमकर लाभ उठाया। एक नेताजी ने तो आंदोलन के दौरान अपनी गाड़ी पर हरी बत्ती ही लगा ली थी। इस संगठन के लोग हरी टोपी वालों के नाम से मशहूर है। अब आंदोलन चल रहा था तो नेताजी हरी बत्ती की गाड़ी में फर्राटे भरते थे। पुलिस- प्रशासनिक अधिकारी भी गाड़ी की तरफ से आंख फेर लेते थे। नेताजी पुलिस दफ्तर में नजर आ गये। फिर क्या था दरबारी लाल ने नेताजी की गाड़ी ढूंढी कि शायद अब भी हरी बत्ती चमक मार रही होगी। गाड़ी तो थी, लेकिन बत्ती गायब। इस दूसरे साथी ने चुटकी ली बत्ती तो आंदोलन के साथ ही खत्म हो गई, ऊपर से आचार संहिता का मामला। नेताजी की अकड़ भी अब पहले जैसी नहीं रह गई। तभी तो नेताजी के साथ ही उनके साथियों की पिछले दिनों एक चौकी के सामने मालिश जो हो गई।