जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं की किंतु विश्वास करीबियों पर
फूल वाली पार्टी की चर्चा है कि संगठन पर आधारित पार्टी है और बूथ तथा पन्ना लेवल तक कार्यकर्ता मौजूद है लेकिन आजकल पार्टी के पदाधिकारी और महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं को चुनाव संचालन समिति में रखा गया है लेकिन संचालन समिति में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास पद और दायित्व तो हैं किंतु अधिकार नहीं है। यह माजरा एक कार्यालय का नहीं बल्कि शहर और मुरादनगर प्रत्याशियों के विधानसभाओं कार्यालय का है जहां भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी तो दी गई है पर अधिकार नहीं दिए गए। अब यह जिम्मेदारी प्रत्याशियों के खास खास निभा रहे हैं क्योंकि जिम्मेदारी तो भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं की है परंतु विश्वास संगठन और कार्यकर्ता पर नहीं अपने करीबियों पर है इसलिए चुनाव में विश्वास जरूरी है और प्रत्याशी विश्वासपात्र को ही अधिकार किए हुए हैं। ऐसे में संगठन से जुड़े लोग कार्य तो कर रहे हैं लेकिन उनकी मनोदशा वही जानते हैं।
… आखिर चुनाव में भी जनता के बीच जाने से क्यों बच रहे हैं प्रत्याशी?
वैसे तो चुनाव में हर उम्मीदवार की यह कोशिश रहती है कि वह जनता के बीच जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा लें, लेकिन गाजियाबाद विधानसभा सीट पर एक प्रत्याशी ऐसा भी है जो मतदाताओं के बीच जाने से कतरा रहा है। दरबारी लाल को इसका नजारा देश की सबसे बड़ी पार्टी के प्रत्याशी के चुनावी कार्यालय पर देखने को मिला। दरअसल प्रत्याशी महोदय के दफ्तर पर उनका कार्यक्रम अपने क्षेत्र में कराने के लिए पूर्व पार्षद बैठे हुए थे। उन्हीं के पीछे एक सज्जन और कार्यक्रम लिखवाने पहुंच गए। लेकिन बातों-बातों में पूर्व पार्षद ने दरबारी लाल को बताया कि वह पिछले 5 दिन से कार्यक्रम लेने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हें अब तक समय नहीं मिला है। इन महाशय की बात सुनकर दरबारी लाल को लगा कि पिछले 5 साल तक क्षेत्र से गायब रहने वाले प्रत्याशी महोदय चुनाव में भी जनता को दर्शन देने से बच रहे हैं।