प्रत्याशियों से उनका तालमेल ठीक है या नहीं…..
विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और ऐसे में राजनीतिक कार्यकतार्ओं में कानाफूसी ना हो ऐसा हो नहीं सकता। अभी कल की ही बात है कि फूल वाली पार्टी के कुछ कार्यकर्ता आपस में कानाफूसी कर रहे थे तभी दरबारी लाल का ध्यान उनकी तरफ गया। चर्चा का केंद्र बिंदु केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्र के सांसद थे, जबकि केंद्रीय मंत्री एवं सांसद को भाजपा की स्टार प्रचारक सूची में शामिल किया गया है फिर भी इन कार्यकतार्ओं को अपेक्षा थी कि वह क्षेत्र में दिखाई दे। लेकिन वे आजकल दिखाई नहीं दे रहे हैं। यही नहीं एक कार्यकर्ता ने तो इतना कह दिया जिले के भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में उन्हें शामिल रहना चाहिए था पर उनका तो कुछ अता पता ही नहीं है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कहीं प्रत्याशियों से उनका तालमेल ठीक है या नहीं। किंतु अगले ही दिन मुख्यमंत्री के साथ दो-दो विधानसभाओं के कार्यक्रम में शामिल होना और संबोधन भी करना लगता है कार्यकतार्ओं को जवाब मिल गया होगा परंतु यह आशंका जब कार्यकतार्ओं में है तो जनता में क्या चर्चा होगी?
… जब अपने ही थाली में कर रहे हैं छेद तो कैसे जीतेंगे सीट
गाजियाबाद की सभी विधानसभा सीटों को लेकर पर पश्चिमी यूपी के कार्यालय से लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। इसी क्रम में गाजियाबाद के रहने वाले अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय पदाधिकारी एवं नगर निगम में पार्षद को मेरठ कार्यालय बुलाया गया और सभी विधानसभा सीटों पर पार्टी की स्थिति के बारे में चर्चा की गई। पार्षद महोदय ने भी बड़ी बेबाकी से एक-एक सीट का हाल क्षेत्रीय पदाधिकारियों के सामने रखा। प्रत्याशी से लेकर बागी हुए नेताओं का कच्चा चिट्ठा भी खोल कर रख दिया। लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि हम पांचों सीटें जीत रहे हैं। यह सुनकर दरबारी लाल को झटका लगा कि जब खुद योगी डैमेज कंट्रोल में लगे हैं और अपने ही थाली में छेद कर रहे हैं तो कैसे जीतेंगे सभी सीटें।