… जब खबरिया चैनल ने बढ़ा दी दावेदारों की धड़कनें
देर शाम पूरे प्रदेश में उस समय हड़कंप मच गया जब एक खबरिया चैनल ने भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। यह स्थिति तब थी जबकि भाजपा ने अधिकृत रूप से प्रत्याशियों की सूची ही जारी नहीं की। खबरिया चैनल की सूची के बाद भाजपा के दावेदारों में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं अखबारों के दफ्तरों के फोन खड़कने लगे। लेकिन अखबार तो अखबार है। जब तक सूची कंफर्म न हो जाये अखबार वाले सूची पर कैसे भरोसा कर ले। हां इतना अवश्य है कि इस सूची ने भाजपा के प्रदेश से राष्टÑीय स्तर तक के नेताओं का सिरदर्द बढ़ा दिया। वहीं, दावेदार निराशारूपी सागर में गोते लगाने लगे।
कोई भी पक्षी जानवर खड़ा कर दो वह भी जीत…
विधानसभा चुनाव का पहले चरण नामांकन भले ही शुक्रवार से है किंतु गुरुवार को राजनीतिक गलियारों में जहां दिनभर एक ही चर्चा थी कौन किस पार्टी से कहां गया और कौन किस पार्टी में आ गया। ऐसा ही नजारा एक रस्म पगड़ी में देखने को मिला जहां लोग परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने आए थे किंतु चर्चा विधानसभा की कर रहे थे। एक और जहां प्रवचन चल रहे थे वहीं दूसरी ओर बाहर खड़े लोग आपस में चुनावी चर्चा में व्यस्त थे। ऐसा लग रहा था संवेदनाएं व्यक्त करना तो केवल औपचारिकता है वहां पर मुख्य कार्य चुनावी चर्चा ही रहा। हालांकि इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी नजर आए जिन्होंने फूल वाली पार्टी से कोई भी पक्षी, जानवर खड़ा कर दो वह भी जीत जाएगा। ऐसी एक बार पहले भी कुछ सालों पहले कहा जाता था और भाजपा अपनी सीट गाजियाबाद की 4 सीटों पर पचा नहीं सकी थी अब कार्यकतार्ओं का विश्वास कहो या ओवरकॉन्फिडेंट, चर्चा तो तो चल ही रही है।