रालोद मकर सक्रांति के बाद घोषित कर सकता है तीनों सीटों के प्रत्याशी
लोनी- मुरादनगर के नामों पर चल रहा है पार्टी में विचार
लोनी में मदन भैया पड़ सकते हैं अन्य दावेदारों पर भारी
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। राष्ट्रीय लोकदल में विधानसभा टिकट को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने मोदीनगर में पूर्व विधायक को ही एक बार फिर टिकट देने का मन बना लिया है। जबकि लोनी एवं मुरादनगर सीटों पर अभी मंथन चल रहा है। हालांकि लोनी सीट पर पूर्व विधायक मदन भैया का दावा सबसे मजबूत है। रालोद मकर सक्रांति के बाद ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेगा।
राष्ट्रीय लोकदल एवं समाजवादी पार्टी में अभी तक सीटों का बंटवारा पूरी तरह से तय नहीं हुआ है। बावजूद इसके रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सभी सीटों पर मंथन शुरू कर दिया है। रालोद से मोदीनगर मेें पूर्व विधायक सुदेश शर्मा, पूर्व प्रमुख विपिन एवं जगत दौसा के साथ ही युवा रालोद जिलाध्यक्ष कपिल चौधरी प्रमुख दावेदारों में है।
यदि मोदीनगर की राजनीति को देखा जाये रालोद को ग्रामीण मतों के साथ ही शहरी वोट की आवश्यकता भी है। शहर में भाजपा का प्रभाव अधिक है। यहां से पूर्व में सुदेश शर्मा रालोद के टिकट पर ही जीत हासिल कर चुके हैं। इसके साथ ही शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी सक्रियता को देखते हुए रालोद नेतृत्व इस सीट पर सुदेश शर्मा को ही तीसरी बार मैदान में उतारने का मन बना रहा है। हालांकि 2017 के चुनाव में उन्हें कड़ी शिकस्त मिली थी।
मुरादनगर सीट को लेकर पार्टी में मंथन जारी है। यहां पर चेयरमैन अमरजीत बिड्डी, पूर्व ब्लाक प्रमुख अजय प्रमुख के साथ ही सपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मुन्नी भी रालोद के टिकट के लिए सक्रिय है। मुन्नी को उसी सूरत में टिकट मिल सकता है जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव सिफारिश करें। कारण यह है कि मुन्नी अभी तक सपा में है। मुन्नी को टिकट के लिए सपा प्रमुख की सिफारिश जयंत चौधरी से होनी आवश्यक है।
लोनी में सबसे बड़ा दावा पूर्व विधायक मदन भैया का है। रालोद के सूत्र बताते हैं कि भाजपा से यदि कोई टक्कर ले सकता है तो वह मदन भैया ही है। सूत्रों पर भरोसा करें तो लोनी चेयरमैन रंजीता धामा भी टिकट पर दावा कर रही है। लेकिन मुरादनगर में जाट को प्रत्याशी बनाना पड़ा तो एक जिले में दो जाट को क्या टिकट हो सकता है इस पर विचार चल रहा है। रालोद के उच्चस्तीय सूत्र बताते हैं कि टिकट की उम्मीद पाले नेताओं को अगले सप्ताह का इंतजार करना होगा।