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भाजपा में मची भागदौड़: स्वामी प्रसाद मौर्य ने थामा सपा का दामन

मौर्य खेमे के तीन विधायकों ने भी दिया भाजपा को झटका

भाजपा में ब्राहमण चेहरा भी दे सकता है कैबिनेट से इस्तीफा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसके साथ ही यहां सियासी हलचलें भी तेज हो गई हैं। टिकट बंटवारा शुरू होने से पहले ही एक पार्टी छोड़कर दूसरे में शामिल होने का सिलसिला भी तेज हो गया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मंगलवार को बड़ी हलचल हुई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर ली। सूत्रों की मानें तो अभी भाजपा के कई और विधायक पार्टी का दामन छोड़ सकती है। इसके अलावा यूपी में पार्टी का ब्राहमण चेहरा और प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री भी भाजपा छोड़ सकते है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.’। स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के थोड़ी ही देर बाद वह सपा में शामिल हो गए। उनके सपा स्वाइन करने की जानकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके दी। उन्होंने एक तस्वीर शेयर की और लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’

स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के भी इस्तीफे की अटकलें हैं। धर्म सिंह और दारा सिंह दोनों उनके खेमे के माने जाते हैं। तीनों योगी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन तीनों बीएसपी के बड़े नेता रहे हैं और बसपा सरकार में भी मंत्री रहे हैं। ऐसे में इन तीनों के भाजपा छोड़ने की चर्चा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य रायबरेली की ऊंचाहार सीट से पिछले बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, हालांकि बहुत कम अंतर से वह चुनाव हार गए थे, लेकिन कहा यह जा रहा है कि बीजेपी से वह सीट जीतना बेहद मुश्किल है। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को अगर यह सीट जीतनी है तो समाजवादी पार्टी से ही वह जीत सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी एक बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को ऊंचाहार सीट से टिकट देने को तैयार है लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को लगता है कि इस सीट के समाजवादी पार्टी ही मुफीद है। वैसे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं। जब उन्होंने बसपा छोड़ी थी तब आखिरी वक्त किसी को मालूम नहीं था, अब बीजेपी के साथ भी ऐसा हुआ। मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मौर्य बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। योगी सरकार से पहले वो मायावती की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। मौर्य की बेटी संघमित्रा बदायूं से सांसद हैं।

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद अब कानपुर के बिल्हौर से भाजपा के विधायक भगवती प्रसाद सागर और शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा से विधायक रोशन लाल वर्मा और बांदा के तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भी पार्टी छोड़ दी है। इन तीनों के भी समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है। भाजपा सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद चार और भाजपा विधायकों के इस्तीफे की चर्चा। इन विधायकों में ममतेश शाक्य, विनय शाक्य, धर्मेंद्र शाक्य और नीरज मौर्य शामिल हैं। सूत्रों से खबर यह भी है कि प्रदेश में ब्राहमण समाज का चेहरा और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री भी कभी भी भाजपा को टाटा-बॉय-बॉय कह सकते है।

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