भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का अखिलेश पर बड़ा हमला
सपा अपनी जमीन और संपत्ति बचाने के लिए, बसपा अपनी इज्जत बचाने के लिए, कांग्रेस अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और ओवैसी आग लगाने के लिए जबकि भाजपा सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है
अथाह ब्यूरो,
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. सुधांशु त्रिवेदी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा और बड़ा सियासी हमला बोला है। आरोपित इत्र कारोबारी के साथ सपा प्रमुख के संबंध को लेकर उन्होंने सवाल किया कि ट्वीट डिलीट क्यों किया? उन्होंने कहा कि ट्वीट डिलीट कर देने से अखिलेश के कारनामे डिलीट होने से रहे। भाजपा प्रवक्ता ने इसके साथ ही यूपी के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर अलग-अलग पार्टियों के कारणों की अपने नईं व्याख्या भी की है। कहा कि सपा अपनी जमीन और संपत्ति बचाने के लिए, बसपा अपनी इज्जत बचाने के लिए, कांग्रेस अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और ओवैसी आग लगाने के लिए जबकि भाजपा सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है ।
भाजपा राज्य मुख्यालय पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही दो महत्वपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं। पहली घटना सिर मुड़ाते ओले पड़ने जैसी है। हाल के दिनों में चर्चित और जांच की जद में आए इत्र कारोबारी के साथ अखिलेश यादव की फोटो की प्रिंट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि सपा के इत्र की गंध सात समंदर पार से महसूस और दिखाई दे रही है। आज भ्रष्टाचार को लेकर जिन लोगों पर प्रभावी कार्रवाई हो रही है, अखिलेश उन सब के साथ देश-देशांतर तक सानिध्य लाभ ले रहे थे। उन्होंने बताया कि यह फोटो 24 मई 2015 को ट्वीट की गई थी जिसे अब डिलीट कर दिया गया है। कहा कि अखिलेश यादव को यह जानना चाहिए कि ट्वीट डिलीट होने से कारनामे डिलीट नहीं होते। भाजपा प्रवक्ता ने कहा अखिलेश यादव कहते फिरते हैं कि उनके सपने में भगवान श्रीकृष्ण आए थे। क्या भगवान कृष्ण ने उन्हें यह नहीं बताया कि कर्म का सिद्धांत भी उन्होंने दिया है। ट्वीट डिलीट कर देने से कर्म के सिद्धांत से मुक्ति नहीं मिलती है। अपने इस कारनामे का जवाब अखिलेश यादव को देना होगा।
डा. त्रिवेदी ने इस दौरान पूर्व की सरकार को नोएडा अथॉरिटी के भू आवंटन मामले में भी कटघरे में खड़ा किया। कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में 2005 से 2017 तक नोएडा अथॉरिटी के अलग अलग भूमि आवंटन में भारी अनियमितता पाई गई। औद्योगिक विकास की जमीनें आवासीय के रूप में आवंटित कर दी गईं। महज 22 प्रतिशत औद्योगिक जमीनों का उद्योगों के लिए आवंटन हुआ। इससे सरकार को 52000 करोड रुपये से अधिक की हानि हुई। अखिलेश यादव को इस आर्थिक घोटाले का जवाब भी जनता को देना होगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने समाज के हर गरीब को जरूरी संसाधन मकान, शौचालय, खाद्यान्न, गैस आदि उपलब्ध कराए हैं। भाजपा और पूर्व की सपा सरकार में फर्क साफ है। अखिलेश यादव के जमाने में जो पैसा निकला वह उनकी तिजोरियों में पहुंचा जबकि भाजपा सरकार में निकला धन गरीबों के घरों तक।
जितनी भी कर ली पढ़ाई, निकले असल सपाई
डा. त्रिवेदी ने डिजिटल चुनाव प्रक्रिया को लेकर सपा प्रमुख के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव के आगाज का अंजाम क्या होगा, इसका जवाब अखिलेश यादव ने दे दिया है। डिजिटल चुनाव प्रक्रिया में उन्हें समस्या नजर आ रही है। अखिलेश के बारे में सुन रखा था कि वह विदेश से इंजीनियरिंग पढ़ कर आए थे। अब टेक्नोलॉजी पर उनकी यह सोच जानकर सवाल पैदा होता है। अब तो यही लगता है जितनी भी कर ली लिखाई-पढ़ाई, निकले असल सपाई। डिजिटल चुनावी प्रक्रिया पर उनका बयान समाजवादी पार्टी की अवश्यंभावी पराजय का आधार है। अखिलेश ने अभी से शिकस्त की पेशबंदी शुरू कर दी है।
कोरोना काल में भले अंतर्ध्यान रहें हों अखिलेश, अब बचने का कोई रास्ता नहीं
उन्होंने कहा कि एक के बाद एक नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अखिलेश कोरोना काल में भले अंतर्ध्यान रहे हों, लेकिन अब बचने का कोई रास्ता नहीं है, जनता को जवाब तो देना ही पड़ेगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यूपी के क्षितिज पर जो अरुणोदय 2017 में हुआ था 2022 में उसी क्षितिज पर वह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जन कल्याण का मार्ग और प्रशस्त करने को प्रखर और प्रभावी सूर्य के रूप में दिखेगा। अखिलेश यादव के अयोध्या जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कोठारी बंधुओं को 2 नवंबर 1990 को टारगेट कर सिर में गोली मारी गई थी। अखिलेश यादव इसे कितना भी भूलने का प्रयास करें, देश की जनता इसे नहीं भूलने वाली।