देश के धार्मिक स्थलों में भगदड़ की घटनाएं हर वर्ष हो रही है। ताजा घटना नये वर्ष में माता वैष्णो देवी में एक दर्जन लोगों की भगदड़ में मृत्यु हो गई। घटना के बाद श्राइन बोर्ड की उप राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही दर्शन करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय लेना आसान है। लेकिन श्राइन बोर्ड क्या यह बतायेगा कि पूरे देश के कौने कौने से दर्शनों के लिए जाने वाले लोगों के लिए ऑन लाइन स्लॉट बुक करवाना क्या आसान कार्य है। ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन हर व्यक्ति के बस की बात नहीं है। यदि कोई मोबाइल एवं कंप्यूटर का जानकार है तो उसके लिए यह आसान है, लेकिन कम पढ़े लिखे एवं गरीब लोगों को क्या पता कि ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन क्या है। ऐसे में माता के दर्शनों के लिए जाने वालों को क्या वापस किया जाना न्याय संगत होगा यह बड़ा सवाल है। बता दें कि कटड़ा के लोगों की आय का सबसे बड़ा साधन श्रद्धालु है। ऐसे में संभावना है कि कटड़ा के व्यापारी भी इस नियम का विरोध करना शुरू कर देंगे। इसके साथ ही ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन की बाध्यता होने के बाद जिनकी श्राइन बोर्ड में पहुंच है वे दर्शनों को भी व्यापार बनाकर कमाई करेंगे। इस मामले में साइन बोर्ड प्रशासन को एक बार फिर से विचार करने की आवश्यकता है। फिर से विचार होने पर सभी लोगों को राहत मिल सकेगी। इतना हो सकता है कि भवन पर अधिक भीड़ न जमा होने दें। इसकी रणनीति साइन बोर्ड के साथ ही पुलिस व प्रशासन को बनानी चाहिये। ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन तो अपनी बला टालना है।