Dainik Athah

कानून व्यवथा को चाक-चौबंद रखेंगे फेस रिकाग्निशन कैमरे, प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को वाराणसी दौरे में करेंगे उद्घाटन

यातायात और कानून व्यवस्था के लिए कारगार साबित होंगे ये सीसीटीवी कैमरे

अथाह ब्यूरो,
वाराणसी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सूबे की कानून व्यस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने वाराणसी में फेस रिकाग्निशन कैमरे लगवाए हैं। ये कैमरे किसी भी हालात में अपराधी की पहचान कर सकेंगे। ये सीसीटीवी कैमरे काफी यातायात और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होंगे।

वाराणसी में फेस रिकाग्निशन वाले कैमरे लग चुके हैं, जो अपराधी की पहचान कर सकेंगे। ये कैमरे इतने कारगार हैं कि अपराधियों की कई साल पुरानी फोटो से भी चेहरे का मिलान कर सकेंगे। यदि अपराधी वेश बदलने में माहिर है तो भी इन हाईटेक कैमरों से बच नहीं पाएगा। वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से पूरे जिले के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी। लाखों की भीड़भाड़ हो या धुंध हो ये कैमरे शातिर अपराधियों की पहचान करने में सक्षम हैं।

वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक प्रोजेक्ट्स एंड कोआर्डिनेशन डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि 500 किलोमीटर तक आॅप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। 720 अलग-अलग जगहों पर 2200 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। इसमें 22 कैमरे फेस रिकाग्निशन वाले हैं। जरूरत के हिसाब से इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। शहर की विभिन्न गतिविधियां रियल टाइम रिकॉर्ड होंगी, जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। 34.70 करोड़ की लगात से यह योजना पूरी हुई है।

डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि डाटा बेस में मौजूद फोटो का कैमरे से कैप्चर फोटो से मिलान किया जाएगा। इसके बाद विशेष पहचान कोडिंग और नाम से अपराधी का पता चल जाएगा। कैमरे करीब 7.5 मीटर की दूरी से अपराधियों की पहचान कर लेगा और काशी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम के सिस्टम में बैठे एक्सपर्ट पुलिस कर्मियों को सूचना देगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को वाराणसी के दौरे में करेंगे।

68.24 करोड़ की लागत से पांच वार्डो की गलियों हुई हाईटेक

पौराणिक काशी की पहचान रही गलियां हुई स्मार्ट

वॉल पेंटिंग के जरिए क्षेत्र विशेष की विशेषता उकेरी गई दीवारों पर

पीएम मोदी 23 दिसंबर को वाराणसी के दौरे में करेंगे लोकार्पण।

अथाह ब्यूरो,
वाराणसी। काशी का नाम लेते ही गंगा के साथ यहां की गलियों का भी जिक्र होता है। अब क्योटो के तर्ज पर काशी की गलियां अपने वास्तविक स्वरूप के साथ स्मार्ट हो रही है। री-डेवलपमेंट आॅफ ओल्ड काशी योजना के तहत गलियों के रंग रोगन के साथ हाईटेक भी किया गया है। गलियों की दीवारों पर काशी की संस्कृति के अनुरूप चित्रकारी की गई है। सीवर, पानी की निकासी, तारों को अंडरग्राउंड करना, जैसे काम गलियों को स्मार्ट बनाने के लिए हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को 68.24 करोड़ की लागत से पांच वार्डो की गलियों के हुए पुनर्विकास के कामो का उद्धघाटन करेंगे।

पौराणिक काशी की पहचान रही गलियां अपने मूल स्वरुप को कायम रखते हुए अब विकसित हो गई है। प्राचीनता को बरकरार रखते हुए आधुनिकता से तालमेल करके काशी की गालियां स्मार्ट हो गई है। स्मार्ट सिटी के सीजीएम डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि इन गलियों में अब आप बिना हिचकोले खाए गाड़िया चला सकते है। क्योंकि जिस पत्थरों से सड़कें बनाई गई है। उनके नीचे विशेष पीसीसी लेवलिंग की गई है। जिससे सड़क पर बिछाए गए पत्थर (चौका) अब हिलेंगे नहीं। गलियों की सुंदरता में इससे काफी निखार आया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दशाश्वमेध वार्ड 16.22 करोड़ , काल भैरव वार्ड 16.24 करोड़ ,राजमंदिर वार्ड 13.53 करोड़ ,जंगमबाड़ी वार्ड 12 .65 करोड़ में और वीडीए की और से गढ़वासी टोला वार्ड 9.60 करोड़ की लागत से हाई टेक हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को वाराणसी दौरे में पांचो वार्डो की गलियों के पुनर्विकास के कामो का उद्घाटन करेंगे।

डॉ वासुदेवन ने बताया कि गलियों में सुव्यवस्थित तरीके से पानी और सीवर के लिए पाइप बिछाई गई है। जिससे व लम्बे समय तक चले। बरसात में पानी न रुके इसके लिए गलियों में पानी निकासी के लिए अलग से नालियां बनाई गई हैं। सभी तारों को अंडरग्राउंड कर दिया गया है। भविष्य में बिजली, इंटरनेट या टेलीफोन केबल आदि की मरम्मत या नई लाइन बिछाने के लिए अलग डक्ट लाइन भी दी गई है। ताकि गलियों में बिछाए जाने वाले पत्थर चौका को बार -बार उखाड़ना न पड़े। दीवारों पर दो मीटर तक वॉल पेंटिंग की गई है। चित्रकारी में उस वार्ड या क्षेत्र की विशेषताओं ,संस्कृति, धार्मिक आयोजन आदि को रंगों के माध्यम से दशार्या जा गया है। गलियों में पड़ने वाले मंदिर या दूसरे धरोहरों को भी संजोया गया है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *