… और जब लगी फटकार तो उड़ गया रंग
फूल वाली पार्टी के चाणक्य बैठक लें और बगैर किसी की क्लास लगे बैठक समाप्त हो जाये यह तो संभव सा नहीं लगता। शुक्रवार को चाणक्य महोदय ने गाजियाबाद में बैठक ली। इस दौरान विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे दो क्षेत्रीय पदाधिकारी उनके निशाने पर आ गये। जब उन्होंने कहा आप लोग यदि प्रचार ही करना चाहते हो तो बता दो। आपके काम किसी अन्य को सौंप दिये जायेंगे। इतना सुनने के बाद दोनों पदाधिकारियों के चेहरे का रंग उड़ गया। जबकि अन्य लोग उनको ही देख रहे थे। इतना ही नहीं गाजियाबाद के एक पदाधिकारी से बैठक से अलग पूछा अब तो होर्डिंग नहीं लगा रहे हो। पदाधिकारी ने न में जवाब दिया तो उन्होंने कहा बहुत अच्छा। अब चाहते हुए भी क्षेत्रीय पदाधिकारी खुद का प्रचार करने से बचना चाहेंगे।
सब प्रदेश के बड़े नेता…
साइकिल वाली पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आगमन की सूचना पर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पर अनेकों कार्यकर्ता एकत्रित हुए। जैसे ही उनका आगमन हुआ कार्यकतार्ओं ने पूरे जोश के साथ स्वागत भी किया, बाद में प्रदेश अध्यक्ष गेस्ट हाउस के एक कमरे में पहुंचे जहां मीडियाकर्मी साइकिल वाली पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से वार्ता करने का इंतजार कर रहे। प्रदेश अध्यक्ष के साथ अनेकों कार्यकर्ता भी कमरे में दाखिल हो गए ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष ने इशारों में कई बार कार्यकतार्ओं से कहा यहां बैठने की जगह नहीं है जरा बाहर जाइये। फिर भी कोई कार्यकर्ता कमरे से बाहर नहीं गया। उस पर मीडिया कर्मियों ने कहा कि कार्यकतार्ओं को बाहर निकाल दें तो उन्होंने खिसिया कर बोला सब प्रदेश के बड़े नेता है.. इन्हें कैसे कह सकता हूं! अफरातफरी के माहौल में बिना बैठे ही साइकिल वाली पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने खड़े-खड़े ही पत्रकारों से चर्चा प्रारंभ कर दी। फिलहाल पत्रकारों से वार्ता तो हो गई, पर जब पार्टी के अनुशासन को तोड़कर नेता को चेहरा दिखाने की होड़ लगी हो तो ऐसे में कौन किसी से पीछे रह सकता है…।