जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से भाजपा विरोधी दल अंबानी- अडानी के बहाने मोदी सरकार पर हमला करते रहते हैं। उनका सीधा आरोप अडानी पर अधिक है कि मोदी सरकार बनने के बाद उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी, हर प्रमुख योजना अडानी को दी जा रही है।
लेकिन शुक्रवार को उस समय आश्चर्य हुआ जब खुद गौतम अडानी ने एक फोटो ट्वीट की। इस फोटो में पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी गौतम अडानी से मिलते हुए हैं। ममता बनर्जी अडानी से निवेदन कर रही है कि वे पश्चिमी बंगाल में निवेश करें। बता दें कि कृषि कानूनों का विरोध करते हुए भी विपक्ष ने अडानी को निशाने पर रखा था कि अडानी ग्रुप के पास किसानों को बंधक बनाने की योजना है। एयरपोर्ट निवेश के मामले में भी गौतम अडानी ही विपक्ष के निशाने पर थे। लेकिन अब ऐसी क्या जरुरत आन पड़ी कि ममता दीदी को भी अडानी के दरवाजे तक जाना पड़ा। वह भी बंगाल में निवेश के लिये।
जिस व्यक्ति अथवा संस्थान को लेकर विपक्ष हमलावर रहा हो उसके पास जाकर निवेश के लिए अपील करना क्या कहता है। इसका अर्थ यह है कि अडानी का नाम तो विपक्ष के लिए हथियार के रूप में था। जबकि अन्य दलों की सरकारें जिस भी प्रदेश में है वे भी चाहते हैं कि अंबानी- अडानी उनके राज्य में निवेश करें। इसके साथ ही कहीं यह तो इसके पीछे नहीं कि टीएमसी को देशभर में आगे बढ़ाने के मामले में भी अडानी ममता दीदी का सहयोग करें। ममता दीदी की अडानी से मुलाकात ने यह साफ कर दिया है कि अडानी का साथ ये दल भी चाहते हैं। लेकिन उन्हें कितना साथ मिलेगा यह वक्त बतायेगा।