रालोद को लोनी, मोदीनगर, मुरादनगर में चाहिये जिताऊ प्रत्याशी
खबर रालोद दावेदारों की धड़कन बढ़ाने वाली
अशोक ओझा,
गाजियाबाद। प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय लोकदल एवं समाजवादी पार्टी मिलकर लड़ेंगे यह तो तय हो चुका है। इसकी अधिकारिक घोषणा से पहले रालोद कुछ और सीटें सपा से हथियाने की तैयारी में जुटा है। इतना ही नहीं रालोद ने यह भी तय किया है कि इस बार पार्टी हर हाल में जिताऊ प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी। खानापूर्ति करने के लिए किसी को टिकट नहीं दिया जायेगा, चाहे वह रालोद मुखिया के कितना भी करीबी क्यों न हो।
रालोद के उच्चस्तरीय सूत्रों पर भरोसा करें तो गठबंधन में रालोद को 36 सीटें मिलने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सहमति व्यक्त कर दी है। इसमें गाजियाबाद जिले की मोदीनगर, मुरादनगर एवं लोनी के साथ ही बागपत जिले की तीनों सीटें तथा मेरठ की सिवाल खास भी रालोद के कोटे में है। बावजूद इसके पार्टी इस प्रयास में है कि अभी दो- तीन सीटें और पार्टी के खाते में आ जाये। लेकिन जिन सीटों पर सहमति बनीं है उनके ऊपर रालोद जिताऊ प्रत्याशियों पर ही दाव लगायेगी। पार्टी की रणनीति है कि यदि बाहर से भी कोई दमदार प्रत्याशी मिले तो उसे भी पार्टी में शामिल कर लिया जाये।
रालोद सूत्र बताते हैं कि गाजियाबाद जिले की मोदीनगर सीट पर वर्तमान में करीब आधा दर्जन दावेदार है। इनमें एक पूर्व विधायक, एक पूर्व विधायक का पुत्र, एक भाजपा नेता का पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुत्र भी शामिल है। बावजूद इसके रालोद को यहां पर भी कोई दमदार प्रत्याशी मिल जाता है तो उसके नाम पर भी विचार किया जायेगा। मुरादनगर सीट पर भी पार्टी किसी दमदार चेहरे की तलाश कर रही है। ठीक यहीं स्थिति लोनी सीट पर भी है जहां पर पार्टी के पास एक बड़ा चेहरा है। बड़ा चेहरा पूर्व विधायक भी है। लेकिन यहां पर भी पार्टी सूत्र किसी का टिकिट फाइनल नहीं मान रहे हैं।
रालोद सूत्र बताते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत दावेदारों की तलाश करने के लिए अपने विश्वस्त लोगों को जिम्मेदारी सौंपी है। अब जिम्मेदार लोग कितनी मेहनत कर सकते हैं यह वक्त ही बतायेगा। यह भी संभव है कि भाजपा की सूची घोषित होने तक रालोद के संभावित दावेदारों को भी शायद लंबा इंतजार करना पड़े।