मंडल के अनुसार मतदाता सूची मांगी पर, कहां है मंडल अध्यक्ष…
देश की सबसे पुरानी पार्टी के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के बीच विवाद की चर्चा महानगर में छाई रहती है। महानगर अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष पर उनके कार्य क्षेत्र में आकर रैली निकालने का आरोप लगाया। बात इतनी ही नहीं बात यह भी थी की रैली तो निकाली गई परंतु महानगर अध्यक्ष को उसमें तवज्जो नहीं दी गई ना ही उन्हें बुलाया गया। जबकि जिलाध्यक्ष के अनुसार वे विधानसभा चुनाव में मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र से दावेदार होने के कारण पार्टी की नीतियों को विधानसभा क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाना उनका दायित्व था इसलिए रैली निकाली गई। विवाद इतने पर ही सिमटता तो बात और थी परंतु महानगर अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष से विधानसभा क्षेत्र के मंडलों की मतदाता सूची मांगी जिस पर जिलाध्यक्ष ने कहा सूची मुझसे ले ले पर मंडल अध्यक्षों से मुलाकात तो करा दें। जिस पर विवाद बढ़ा और गहमागहमी हो गई। जानकार मानते हैं कि मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र के जिन मंडलों की सूची मांगी गई है वहां पर अभी महानगर अध्यक्ष ने मंडल अध्यक्षों की पूर्ण रूप से नियुक्ति भी नहीं की है। ऐसे में कहां से आएंगे मंडल अध्यक्ष और यही हाल रहा तो लगता है राम भरोसे होगा 2022 में विधानसभा चुनाव।
… शिकायत थाना प्रभारी की, जांच चौकी प्रभारी को
पुलिस विभाग में जो न हो जाये वह कम है। पिछले दिनों एक तहसील के पत्रकार ने थाना प्रभारी द्वारा की अभद्रता की शिकायत मुख्यमंत्री को कर दी। फिर क्या था मुख्यमंत्री के यहां से तो जांच के आदेश हो गये, लेकिन पुलिस अफसरों को यह नहीं सूझा कि इंस्पेक्टर की जांच उन्हीं के क्षेत्र के दरोगा जी को दे दी गई। अब दरोगा जी पत्रकार से कह रहे हैं मामले को निपटाओ। लेकिन भाई कहां मानने वाला है। अब मुख्यमंत्री को दूसरी शिकायत भेजने की तैयारी कर ली है। शिकायत भी यह कि इंस्पेक्टर की जांच दरोगा कैसे कर सकता है। इसके साथ ही इंस्पेक्टर जांच प्रभावित कर सकता है, लिहाजा पहले इंस्पेक्टर को हटाओ। अब परेशान दरोगा जी पत्रकार को मनाते घूम रहे हैं। लेकिन यह भी कह रह हैं कि इंस्पेक्टर की जांच वे कैसे कर सकते हैं।