Dainik Athah

राग दरबारी

… विधायक जी कार्यकर्ता तो हम भी है

विधायक जी आपके कार्यकर्ता तो हम भी हैं। कार्यकर्ता सम्मान समारोह में हमें नहीं बुलाया आपने। दर असर फूल वाली पार्टी के एक विधायक जी ने पिछले दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया था। किसी विधायक ने पहली बार इस प्रकार सम्मान समारोह आयोजित किया। हालांकि इसी पार्टी के एक एमएलसी ने भी अपनी जीत के बाद चुनाव कार्य में लगे कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया था। लेकिन किसी विधायक ने पहली बार कार्यकर्ताओं का सम्मान किया तो चर्चा भी खूब हो रही है। एक वरिष्ठ पत्रकार के पौत्र के नामकरण संस्कार के मौके पर विधायक जी के सामने शहर के पूर्व प्रथम नागरिक पड़ गये। इसके साथ ही पूर्व प्रथम नागरिक ने उन्हें उलाहना भी दे दिया कि हम भी आपके कार्यकर्ता है। इस पर विधायक जी को कहना पड़ा मंडल अध्यक्षों के पास सूचना देने की जिम्मेदारी थी। हालांकि उन्होंने यह कहा आप हमारे नेता एवं बड़े भाई है। आपका सम्मान तो हर समय करता रहूंगा। यह सुनकर वहां खड़े लोगों के बीच फिर से कार्यकर्त्ता सम्मान समारोह की चर्चा शुरू हो गई।

कागजों में खानापूर्ति तो ईवीएम का क्या रहेगा रिजल्ट

साइकिल वाली पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जहां रथ यात्रा के माध्यम से प्रदेश भर में अपने पक्ष में माहौल बनाने में लगे हैं वही वार्ड स्तर के कार्यकतार्ओं की कमी से समाजवादी पार्टी जूझ रही है। यह नजारा गाजियाबाद के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के करहैड़ा में देखने को मिला, जहां वार्ड अध्यक्ष ना मिलने पर समाजवादी पार्टी के एक नेता के ड्राइवर को ही वार्ड अध्यक्ष का मनोनयन पत्र दे दिया गया। हालांकि इस वार्ड में प्रदेश स्तर की महिला पदाधिकारी भी रहती हैं। इसके बावजूद पार्टी को वार्ड अध्यक्ष नहीं मिला। जब कागजों में खानापूर्ति की जाएगी तो ईवीएम में क्या रिजल्ट आएगा इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है।

…ये तो मजबूरी का फैसला

देश के मुखिया ने अपने चित परिचित अंदाज में एक बार फिर सबको झटका दे दिया। शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को वापसी का ऐलान कर दिया। हालांकि उनके शब्दों में दर्द था। लेकिन करे तो क्या करें, सिर पर चुनाव जो है, वो भी एक नहीं, बल्कि पूरे पांच राज्यों के। किसानों के पाले में खुशियां नजर आ रही है, लेकिन देश की सबसे बड़ी पार्टी में सन्नाटा छाया है। कोई जन प्रतिनिधि इस मामले में बोलना तो दूर, मुंह दिखाने से भी बच रहा है। जो करीबी है, उनसे ये कहकर जरूर अपने दिल की भड़ास निकाल रहे है कि खुशी में थोड़े ही ये तो मजबूरी में लिया गया फैसला है।

…दरबारी लाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *