स्वास्थ्य समस्या है तो इंस्पेक्टर साहब करेंगे उपचार
जिले में एक थाना प्रभारी इन दिनों डॉक्टर की भूमिका भी अदा कर रहे हैं। हालांकि ईलाज तो जिले के एक आईपीएस अच्छे से करते हैं। करें भी क्यों न जब वे पुलिस की नौकरी में आने से पहले डॉक्टरी जो करते थे। लेकिन इन थाना प्रभारी के चर्चे इन दिनों आम है। इन थाना प्रभारी को यदि कोई परिचित फोन करें और यह बता दें कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तथा यह परेशानी है फिर थाना प्रभारी महोदय बीमारी का उपचार बताना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं वे दवा भी अपने पास से भिजवा देते हैं। हालांकि इस डॉक्टरी नुस्खे के चलते मुख्य बात गौण हो जाती है। अब स्थिति यह है कि कोई थाना प्रभारी को फोन करता है तो वह छुपाने का प्रयास करता है कि उसे स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है।
ऑडिटोरियम में पानी की बोतल ले जाने पर हुई भाजपा नेता की किरकिरी
हिंदी भवन में कवि सम्मेलन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महानगर अध्यक्ष पानी की बोतल ले जाकर कवि सम्मेलन का आनंद लेने लगे, तभी हिंदी भवन के गेट पर तैनात महिला कर्मचारी ने भाजपा के इन बड़े से पूछा कि वे हिंदी भवन के ऑडिटोरियम में पानी की बोतल अंदर क्यों लेकर आए हैं, जबकि ऑडिटोरियम में किसी को भी पानी की बोतल लाने की अनुमति नहीं है। इतना ही सुनते भाजपा के वरिष्ठ नेता का चेहरा लाल हो गया और आक्रोशित होते हुए महिला को वहां से जाने को कहा पर महिला कर्मचारी अपनी बात पर अडिग रही और कहा कि आप मुझे ऐसा मत कहिए पानी की बोतल हो या कोई भी खाने पीने की वस्तु लाने की अनुमति नहीं है। यह नियम हिंदी भवन के प्रबंधन ने बनाए हैं, नियम सबके लिए बराबर है। आप बोतल रख आयें। इस पर वहां उपस्थित लोगों ने बात को संभाला और महिला को समझा कर भेजा। इसके बाद भले ही मामला शांत हो गया हो किंतु जब नियम बना है तो उस पर भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष ने अमल क्यों नहीं किया। फिलहाल एक पानी की बोतल ले जाने पर ही नेताजी की हो गई किरकिरी।
… दूसरे के सुख से दुखी हैं गैर बीजेपी पार्षद
गाजियाबाद शहर में नेताओं के बीच ऑडियो- वीडियो बम की धूम मची हुई है। हर कोई एक- दूसरे को नंगा करने के लिए बम फोड़ रहा है। ऐसा ही एक ऑडियो बम दरबारी लाल के भी हाथ लग गया। इस आॅडियो बम में गैर बीजेपी पार्षद सड़क पार की एक महिला पार्षद को चुन-चुन कर गालियों से नवाज रहे है। गैर बीजेपी पार्षद इस बात को लेकर नाखुशी जता रहे हैं कि बीजेपी की महिला पार्षद जमकर पैसा कमा रही हैं और उन्हें दुख इस बात का है कि कोई उन्हें फूटी कौड़ी नहीं दे रहा। लेकिन दूसरों के सुख से दुखी इन महाशय को इतनी भी तमीज नहीं है कि एक महिला के लिए किस सम्मान से बात की जाती है?