श्रद्धालुओं को पीएमएमवीवाई और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में बताया जा रहा
आयुष्मान भारत योजना और कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम की भी दे रहे जानकारी
अथाह संवाददाता,
हापुड़। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनपद में चल रहे गढ़ गंगा मेला में शिविर लगाकर विभाग की ओर से चलाए जा रहे तमाम कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के शिविर में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और कोविड से बचाव व टीकाकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक परीक्षित तेवतिया और क्षय रोग विभाग के जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया गढ़ गंगा मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, इस लिहाज से सामुदायिक गतिविधियों के लिए यह एक बेहतर प्लेटफार्म साबित होता है। इस बार भी मेला में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए शिविर का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। श्रद्धालु लगातार शिविर में आकर विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी ले रहे हैं।
सुशील चौधरी ने बताया शिविर के जरिए श्रद्धालुओं को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी जा रही है। उन्हें टीबी (तपेदिक) के लक्षणों और निशुल्क उपचार के बारे में बताया जा रहा है और साथ सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री भी उपलब्ध करायी जा रही है ताकि अपने गांव को लौटकर व अन्य लोगों को भी जानकारी दे सकें।
श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हैं, बलगम के साथ खून आता है, बुखार रहता है, अचानक वजन गिरने लगा है या रात में सोते समय पसीना आता है तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच कराने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग टीबी की जांच और उपचार निशुल्क करता है। इतना ही नहीं टीबी के उपचार के दौरान पोषण के लिए पांच सौ रुपए प्रतिमाह मरीज के बैंक खाते में सरकार की ओर से भेजे जाते हैं।
पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक परीक्षित तेवतिया ने बताया- हर महिला को पहली बार मां बनने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ मिलता है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला के बेहतर स्वास्थ्य और देखभाल के लिए योजना के तहत भारत सरकार की ओर से तीन किश्तों में पांच हजार रुपए दिए जाते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए आॅनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। आवेदन गर्भधारण से लेकर 730 दिनों तक, या यूं कहें कि बच्चे के जन्म के 15 माह (460 दिन) तक किया जा सकता है। उन्होंने बताया योजना के तहत आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं लगता।
मलेरिया विभाग से महेश त्यागी, सतीश त्यागी, मोहनलाल और करण सिंह गंगा मेला में चल रहे शिविर में आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के बारे में जानकारी दे रहे हैं और साथ ही मच्छरों से होने वाली बीमारियों और मच्छरों से बचाव के उपाय सुझा रहे हैं। इसके साथ ही शिविर में कोविड प्रोटोकॉल की जानकारी देने के साथ ही कोविडरोधी टीकाकरण के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।