… आप जानते नहीं मेरा ओहदा आपसे बड़ा है
कभी-कभी सामाजिक कार्यक्रम भी राजनीति का अखाड़ा बन जाते हैं और जहां बात देश की सबसे बड़ी पार्टी के भाई-बहन वाले संगठन की होती है तो राजनीतिक मामला उछलना लाजमी है। शुक्रवार को ऐसा ही माहौल राजनीतिक पार्टी से जुड़े एक मातृ संस्था के सामाजिक कार्यक्रम में देखने को मिला। कार्यक्रम के बाद भोजन पर राजनीतिक पार्टी के लोग चर्चा कर रहे थे, जहां पर एक वरिष्ठ पदाधिकारी अपने अधीनस्थ को विधानसभा सदस्यता की जिम्मेदारी देने की बात कर रहे थे। लेकिन तभी महिला पदाधिकारी ने तुनक मिजाजी में एक अलग ही अंदाज में पदाधिकारी को जवाब दे दिया। महिला पदाधिकारी ने कहा कि मैं आपकी जिम्मेदारी खुद ही बर्खास्त कर दूंगी। आप जानते नहीं कि मैं प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य हूं, जबकि आप क्षेत्रीय पदाधिकारी और मेरा ओहदा आपसे बड़ा है।
आठ बजे से पहले ही फोन कर लिया करो…
जिले में खबरनवीस खासे परेशान है। हो भी क्यों न जब अफसर खबरनवीसों को यह बताने लग जायें कि फोन कितने बजे तक करना है। एक बड़े अखबार के छोटे भाई ने दरबारी लाल से जिक्र छेड़ दिया। कहने लगे इस सरकार में क्या करें जब अफसर भी कहने लगते हैं कि फोन पर जो पूछताछ करनी है वह आठ बजे तक कर लिया करो। अब इतनी कहां बर्दाश्त। उन्होंने भी कह दिया जब खबर आयेगी बयान लेना होगा तभी तो ना फुनवा करेंगे। अफसर तो चुप्पी साध गये। लेकिन खबरनवीस को दिल पर लगी है। लिहाजा अब साहब की शिकायत ऊपर तक करने की सोच रहे हैं।
…जितना बड़ा पेट उसी हिसाब से बढ़ गई सेवा
जिले के एक विभाग में इन दिनों मोटे पेट वाले की चर्चा जोरों पर है। यह चर्चा गांवों से लेकर जिला मुख्यालय तक है। हो भी क्यों न जब सेवा का प्रतिशत जो बढ़ गया। इसको लेकर हर स्तर पर असंतोष है। लेकिन विभाग के मुखिया के खिलाफ झंडा बुलंद करे तो कौन। मुख्यालय की कैंटीन पर कुछ लोग चाय की चुस्कियों के साथ बतिया रहे थे। इस दौरान रेट बढ़ने की चर्चा सुनकर दरबारी लाल के कान भी खड़े हो गये। अब वहां कहते सुना गया भाई पहले वालों को तो जो दे देते थे वे रख लेते थे। लेकिन अब तो वर्षों से चला आ रहा कमीशन बढ़ा दिया गया। इस पर एक अन्य कहता है क्या करें जहां से बड़े साहब आये हैं, वहीं से ये वाले भी। मतलब साफ कि बड़े साहब तो लेकर नहीं आये। इसके बाद तो वहां एक बारगी सन्नाटा छा गया।