जौनसार जनजाति पांडव वंशज माने जाते हैं
अथाह संवाददाता,
देहरादून। समाजवादी पार्टी उत्तराखंड खंड प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने देहरादून के जौलीग्रांट में जौनसार बावर जनजाति के पारंपरिक नृत्य कर्मी दल पौराणिक लोक कला मंच, जौनसार से भेंट कर उन्हें प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया। इस दल के संयोजक कुंदन चौहान सहित वीना, दीक्षा, रेणु परमार, मनीषा रानी सहित अन्य सदस्यों ने अपने परंपरागत वस्त्र थलका या लोहिया पहनकर वाद्ययंत्र रणसिंघा, ढोल और दमाऊ बजाकर लोकनृत्य प्रस्तुत कर आभार व्यक्त किया। कुंदन चौहान ने कहा अखिलेश यादव उत्तराखंड के जनमानस में बेहद लोकप्रिय हैं।
चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय लोककलाओं, जनजातीय संस्कृति के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। उत्तराखंड से उनका भावनात्मक लगाव है। पहाड़ी संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश की पिछली समाजवादी सरकार में अनेक नीतिगत निर्णय लिए गए थे। जिससे कला-संस्कृति से जुड़े कलाकारों को न केवल महत्व मिला बल्कि उनके सम्मानजनक जीवन का भी प्रबंध हुआ।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जौनसार- जनजाति के बारे में मान्यता है कि वे स्वयं को पांडव का वंशज मानते हैं। महाभारत में वर्णित पांच पांडवों के द्रौपदी से विवाह का जुड़ाव भी इस जनजाति के इतिहास में शामिल है। जौनसार जनजाति के अनेक प्रसंगों और लोकोक्तियों में भगवान श्रीकृष्ण और पांडवों का वर्णन है। उनके लोक नृत्य बारदा नाटी और हारुल है। उत्तराखंड में यह जनजाति कई शताब्दियों से अपनी पारंपरिक संस्कृति को सहेजे हुए हैं।
समाज में हो रहे बदलावों के बाद भी पहाड़ के लोगों का अपनी प्रथाओं के प्रति अनुराग प्रेरणादायक है। समाजवादी पार्टी लोक संस्कृति की पक्षधर है और इस परंपरा से जुड़े कलाकर्मियों के प्रति विशेष सम्मान का भाव रखती है।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष डा. सत्यनारायण सचान, प्रदेश महासचिव प्रो. आरके पाठक, अतुल शर्मा सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।