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पंजाब में कांग्रेस की मुसीबत लगता है कि मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी कम नहीं हो रही। कैप्टन जब मुख्यमंत्री थे उस समय उन्हें विपक्ष की आवश्यकता नहीं थी। पंजाब कांग्रेस प्रधान बनने के बाद से ही सिद्धू विपक्ष की सभी कमियां पूरी कर रहे थे। कांग्रेस आलाकमान ने सोचा होगा मुख्यमंत्री बदलने के बाद सिद्धू नरम पड़ेंगे। लेकिन उन्होंने तो अब पहले से ज्यादा तेजी से बैटिंग करनी शुरू कर दी है। निशाने पर आईएएस/आईपीएस अफसरों के बहाने मुख्यमंत्री चन्नी है। जिस प्रकार उन्होंने सोमवार को चन्नी सरकार पर हमला बोला है उसके बाद से तो कांग्रेस आलाकमान को भी सूझ नहीं रहा क्या करें। जितने हमले सिद्धू अपनी सरकार पर करते हैं उतने तो विपक्षी दल भी नहीं कर पाते। सिद्धू के रवैये से पंजाब कांग्रेस के नेता भविष्य को लेकर आशंकित नजर आते हैं। सिद्धू के रवैये को देखते हुए यह संदेश भी जनता में जा रहा है कि कैप्टन को जानबूझकर निशाना बनाया गया, कैप्टन पंजाब के भले के लिए काम कर रहे थे। पंजाब कांग्रेस के नेता तो अब यह भी मानने लगे हैं कि पंजाब में कांग्रेस के लिए सिद्धू भस्मासुर साबित हो रहे हैं। उनके प्रधान रहते हुए विपक्ष को कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। विपक्ष जितना काम नहीं कर पायेगा उससे अधिक तो प्रधान खुद कर रहे हैं। लेकिन आलाकमान जिस कदर पंजाब में घिरा है उससे निकलना अब उसके लिए कठिन है। हां इतना अवश्य है कि सिद्धू कैप्टन की राह अवश्य आसान कर देंगे।
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