कविलाश मिश्र
दिल्ली। दिल्लीमें वायु प्रदूषण में योगदान देने वाले व्यापक अलग-अलग स्रोतों को ध्यान में रखते हुए, आगामी सर्दियों के मौसम के दौरान दिल्ली में अलग-अलग स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक परियोजना लागू की जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक गैर सरकारी संगठन एयर पोल्यूशन एक्शन ग्रुप (ए-पीएजी) के समर्थन से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की सक्रिय मदद के साथव्यापक अलग-अलग (नॉन प्वाइंट) स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिसंबर, 2020 के महीने में एसडीएमडी के अधीनस्थक्षेत्र में एक पायलट परियोजना शुरू की थी।
एसडीएमसी की इस पायलट परियोजना की प्रगति की समीक्षा सीएक्यूएम द्वारा 22 सितंबर, 2021 को की गई थी और परियोजना से मिली सीख एवं परिणाम के आधार पर, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में परियोजना को दोहराने में अपनी रुचि व्यक्त की है।
पायलट परियोजना को अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के क्षेत्रों में विस्तार किया जा रहा है।
परियोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), नोडल अधिकारियों के बीच बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय और अन्य संबंधित एजेंसियों के समर्थन के साथ शुरू की जाएगी। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की गई है।
पिछली बार के अध्ययन के बाद कि गई समीक्षा में पायलट परियोजना दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 104 वार्डों में लगभग 17,290 मुद्दों की पहचान करने में सफल रही, जिनमें से 10,900 (63%) मुद्दे एसडीएमसी से संबंधित हैं और बाकी 6,400 (37%) मुद्दे अन्य एजेंसियों को सौंपे गए हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत, एसडीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र से संबंधित 95% मुद्दों को सफलतापूर्वक हल कर लिया है।
इस पायलट परियोजना के तहत प्रदूषण केजिन प्रमुख स्रोतों पर ध्यान दिया गया, उनमें शामिल हैं: कचरे को डंप करने की जगहों, ओवरफ्लो वाले ढलाव, कचरा जलाना, निर्माण और विध्वंस स्थल, सार्वजनिक भूमि पर फेंकाजाने वाला मलबा, कच्ची सड़कों से उठने वाली धूल, बंजर भूमि, औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण आदि।