… आप सभी खड़े हो जाओगे तो बड़ी दिक्कत हो जायेगी
गुरुवार को फूल वाली पार्टी ने सौ करोड़ वैक्सीनेशन पार होने पर बड़ा समारोह आयोजित किया था। समारोह के बाद वीवीआईपी एवं वीआईपी के लिए भोजन की अलग से व्यवस्था की गई थी। चूंकि डायनिंग हॉल में अधिक कुर्सियों की जगह नहीं थी। इस कारण अन्य लोगों को बाहर वाले कमरे में बैठना पड़ा। भोजन करने के बाद जब भाजपा के जनरल बाहर वाले कमरे में आये तो अधिकांश नेता एवं कार्यकर्ता उन्हें देखकर खड़े हो गये। यह देखकर भाजपा के जनरल कहने लगे अरे भाई आप सब खड़े मत हो। यदि सभी खड़े हो गये तो बड़ी मुश्किल हो जायेगी। यह कह कर वे मुस्कुराते हुए चले गये। लेकिन पीछे रह गये नेता उनकी बात का अर्थ निकालने में लग गये कि इसका अर्थ क्या है।
बूढ़े घोड़े पर दांव लगाएंगे तो कैसे…
इन दिनों गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की हालत पतली है। राजस्व बढ़ाने के लिए जीडीए अधिकारी नित नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। खाली पड़ी संपत्तियों को बेचने के लिए नई नई योजनाएं लाई जा रही हैं। लेकिन अभी फिलहाल कोई ज्यादा फायदा होता नजर नहीं आ रहा। जीडीए की सारी स्कीम औंधे मुंह गिर रही है। दरअसल संपत्तियों को बेचने का दायित्व जीडीए के एक ईमानदार अफसर को दिया गया है, जिनकी रिटायरमेंट में केवल एक साल बाकी है और ऐसे काम के लिए भाग दौड़ करने वाले अधिकारी की जरूरत है। जब दरबारी लाल ने इस बाबत एक अधिकारी से पूछा तो उन्होंने ईमानदार अफसर के अनुभव का लाभ उठाने के बात कही। लेकिन साहब, अगर संपत्ति बेचनी हैं तो साम-दाम-दंड-भेद सभी हथकंडों को अपनाना होगा। बूढ़े घोड़े पर दांव लगा कर कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
… लाखों खर्च होने के बावजूद न नड्डा आये, न तव्वजो मिली
फूल वाली पार्टी के समारोह में गुरूवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत में सैकड़ों की संख्या में होर्डिंग लगाये गये थे। टिकट के दावेदारों ने होर्डिंग लगाने पर लाखों रुपये खर्च भी किये। लेकिन न तो अध्यक्ष जी आये और न ही होर्डिंग वालों को तव्वजो ही मिली। इस पर एक नेताजी दूसरे से कहने लगे लाखों खर्च भी कर दिये, लेकिन फल भी नहीं मिला। इस पर दूसरे कहते हैं चुनाव तक तो संगठन वालों की माननी ही पड़ेगी। बाद में देख लेंगे। यह सुनकर दरबारी लाल भी सोचने को मजबूर हो गया कि चुनाव के बाद क्या ये संगठन को ठेंगे पर रखने वाले हैं।