जीडीए बोर्ड में कहीं जाट का दाव तो नहीं चल रही भाजपा
कोरोना काल में भाजपा के जीडीए बोर्ड सदस्य एवं महानगर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष चंद्र मोहन शर्मा का निधन हो गया था। इसके बाद से बोर्ड सदस्य का पद भाजपा भर नहीं सकी है। अब एक बार फिर से जीडीए बोर्ड सदस्य के लिए कवायद शुरू हुई है। पार्टी के अधिकांश लोगों का मानना है कि चंद्र मोहन शर्मा ब्राह्मण थे, इस कारण रिक्त पद पर भी किसी ब्राह्मण की नियुक्ति ही होनी चाहिये। इसके साथ ही नाम ऐसा हो जो पार्टी का पुराना कार्यकर्ता भी हो। लेकिन अब अंदरखाने चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी जीडीए में भी किसी जाट को भेज सकती है। इसके लिए गाजियाबाद से लखनऊ तक लाबिंग भी शुरू हो गई है। लाबिंग के काम में भी इसी बिरादरी के एक छुपे रूस्तम नेताजी लगे हैं। लेकिन यह लाबिंग कहां तक फिट बैठेगी कहा नहीं जा सकता। लेकिन पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को तव्वज्जो न देना कहीं पार्टी को नुकसान न पहुंचा दें, इसकी आशंका भी व्यक्त की जाने लगी है।
यूपी में कहीं मंडी ने लूट जाए…
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव अगले साल की शुरूआत में होने वाले हैं। प्रदेश में राजनैतिक माहौल गरम है और सियासत दान चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन एक पार्टी ऐसी भी है, जो अभी अज्ञातवास से बाहर ही नहीं आ पा रही है। पार्टी सुप्रीमो के आदेश पर चलने वाला जिला स्तर का कैडर भी इसलिए शांत पड़ा है कि उसे हाईकमान के आदेश का इंतजार हैं। पार्टी के समर्थक हाईकमान की उदासीनता से मन ही मन खिन्न है। पार्टी कार्यकतार्ओं की यह परेशानी उनकी बातों में भी साफ झलक जाती है। अब तो पार्टी कार्यकतार्ओं में भी चर्चा होने लगी है कि कहीं सुप्रीमो का फरमान आने में इतनी देर ना हो जाए कि साइकिल पूरी यूपी का चक्कर लगा लें और लोग एक दूसरे को फूल देते नजर आए।
मैं नहीं जीता तो एमएलसी मंत्री ना बन जाए…
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जिले के सभी विधायक और चुनाव लड़ने के इच्छुक संभावित प्रत्याशी जनसंपर्क में लगे हैं, किंतु भाजपा के एक ऐसे विधायक जो प्रदेश में मंत्री भी हैं उन्होंने भले ही जनसंपर्क देर से शुरू किया हो किंतु लोगों को घर बुलाकर बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। ऐसे में अलग-अलग आरडब्लूए और व्यापारिक संगठनों को भी बुला कर अपने पक्ष में माहौल बनाने का अनुरोध रहे। सूत्र बताते हैं कि ऐसे ही एक व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा करते हुए विधायक जी कह बैठे कि… मैं नहीं जीता तो इस बार गाजियाबाद से एमएलसी को मंत्री बना दिया जाएगा! क्योंकि वह आजकल योगी की गुड बुक में भी है। अब इनकी बातों से तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ‘इनकी जीत का आधार एमएलसी मंत्री ना बन जाए’ है।