Dainik Athah

ज्ञान जब भक्ति की अग्नि पर तपता है तभी वैराग्य उत्पन्न होता है- अरविंद भाई ओझा

अथाह संवाददाता,
मुरादनगर।
मनसादेवी मन्दिर सुठारी मुरादनगर में प्रारम्भ हुई कथा में बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित हुए। हनुमत कथा के प्रथम दिन कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने कहा कि ज्ञान जब भक्ति की अग्नि पर तपता है तभी जीवन में वैराग्य उत्पन्न होता है अन्यथा ज्ञानी परुष अर्जुन की तरह प्रश्न करता रहता है। 

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जीवन को सुखद बनाने का साधन भक्ति है और भक्ति भगवान की शरणागती से प्राप्त होती है और शरणागती में आये व्यक्ति को भगवान अभयता प्रदान करते हैं। हमे जीवन में भावना को बढ़ाना चाहिए।

मनुष्य के जीवन में भावना जगने से मानवता जगती है और भावना समाप्त होने से मानव दानव बन जाता है। हनुमान जी के जीवन के तप के कारण उनकी कथा अमृत कथा हो गयी और भगवन श्री राम स्वयं हनुमान जी की कथा को सुनते है।

कथा व्यास ने कहा कि  किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उसके जीवन में उत्साह और द्रढ़ इक्छाशक्ति होनी चाहिए और दोनों हमे हनुमान जी के जीवन में दिखाई देती है इसलिए हमें हनुमान जी का अनुसरण करना चाहिए। 

हर व्यक्ति में सुमुति व कुमुति (अच्छाई व बुराई) दोनों होती है, पर उसके जीवन में क्या बढ़े ये उसके विवेक पर निर्भर करता है। हनुमान जी की भक्ति करने से हमारा विवेक जाग्रत होता है जीवन में अच्छाईयां बढने लगती है। 

मानस में भगवान शंकर ने पार्वती जी से कहा है जो सेवा और प्रेम करते है भगवान उनकी प्रशंसा स्वम अपने मुख से करते है, इसलिए समाज में 19 से 48 वर्ष की आयु के लोगों को अपने परिवार, समाज, धर्म व राष्ट्र की सेवा भगवान की सेवा मानकर करनी चाहिए।

कथावाचक का काम समाज के पुरुषार्थ को जगाना और समाज में संस्कारों को जाग्रत करना है । वहीं यजमान के परिवार को धर्म मे रत और दृढ़ रखना और संस्कारों की चिंता करना । पहले कथा छोटे समूह में होती थी इसलिए सम्भव होता था। 

आज कथा में मुख्य यजमान प्रेमपाल यादव, मास्टर धर्मवीर , विकास यादव प्रतिनिधि (जिला पंचायत सदस्य),  महेंद्र यादव, रिछपाल सिंह, दरोगा जी राहुल, योगेंद्र शेरू व नरेश, वनरत्न उपस्थित रहे।

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