Dainik Athah

गुरू का इस्तीफा, सरकार संकट में!

– पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका: सुपर सीएम नहीं बन पाये तो
– सिद्धू समर्थक दो मंत्रियों ने भी चन्नी मंत्रिमंडल से दिया त्याग पत्र, एक महासचिव ने भी छोड़ा पद
– पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर हुए दिल्ली रवाना, भाजपा नेताओं से मुलाकात की संभावना

अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। पंजाब से बड़ी खबर आ रही है। वहां कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। सुपर सीएम (मुख्यमंत्री) न बन पाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कहते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है कि वे कंप्रोमाइज नहीं कर सकते। इसके बाद उनके समर्थक दो मंत्रियों रजिया सुल्ताना एवं परगट सिंह ने भी मंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया है। इन इस्तीफों के बाद पांच दिन पुरानी चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली रवाना हो गये हैं। उनकी भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात की संभावना बताई जा रही है।
मंगलवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि वह कंप्रोमाइज नहीं कर सकते, इसलिए वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। बता दें सिद्धू ने मात्र 72 दिन पहले ही पंजाब में पार्टी की कमान संभाली थी। उनसे पहले सुनील जाखड़ प्रदेश अध्यक्ष थे। सिद्धू के त्याग पत्र पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ”मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं हैं। वह सीमावर्ती राज्य के लिए फिट नहीं हैं।”


छनकर आ रही खबरों के अनुसार सिद्धू पंजाब के एडवोकेट जनरल के पद पर एपीएस देयोल की नियुक्ति से नाराज थे। देयोल बेअदबी मामलों में सरकार के खिलाफ केस लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का केस भी लड़ चुके हैं। सिद्धू नहीं चाहते थे कि देयोल को एजी का पद दिया जाए। सिद्धू के बाद उनके समर्थक दो मंत्रियों रजिया सुल्ताना एवं परगट सिंह ने भी चन्नी मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया है। इतना ही नहीं सिद्धू समर्थक पार्टी के प्रदेश महासचिव


नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने के लिए आतुर थे। अंत में वह पार्टी के भीतर कैप्टन के खिलाफ माहौल तैयार करने में कामयाब हो गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। नवजोत सिंह सिद्धू को उम्मीद थी कि हाईकमान कैप्टन के विकल्प के रूप उन्हें सीएम के तौर पर पेश करेगी, लेकिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पहले नंबर सुनील जाखड़ रहे। सुनील जाखड़ को सीएम बनाने के पक्ष में 40 विधायक थे, जबकि रंधावा को सीएम बनाने के पक्ष में 20 विधायक थे। सिद्धू को मात्र 12 विधायकों का ही समर्थन मिला।
आखिरकार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के रूप में चौथे चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगा दी। चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद मंत्रिमंडल का गठन भी कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार सिद्धू को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें अगले सीएम के रूप में पेश करेगी। लेकिन इसके भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सिद्धू के इस्तीफे एवं दो मंत्रियों के इस्तीफों के बाद पांच दिन पुरानी चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व सिद्धू को मनाने के प्रयास में जुटा है।


उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को दिल्ली रवाना हो गये। उनके नजदीकी सूत्रों का दावा है कि वे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। हालांकि उनके अधिकारिक बयान के अनुसार वे अपने करीबी मित्रों से मिलने के बाद वे दिल्ली का निवास भी खाली करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *