एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी लड़ सकते हैं धौलाना से चुनाव
इन दिनों प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी दल लगे हुए हैं। प्रदेश के साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की नजरें इन दिनों 2017 में हारी सीटों को जीतने पर है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने भी दो जिलों के मध्य वाली धौलाना क्षेत्र के पिलखुवा में जनसभा कर भाजपा को विजयी बनाने का आह्वान किया था।
इसी बीच एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी धौलाना सीट से भाग्य आजमाने की जुगत में लगे हैं। ये अधिकारी केंद्र सरकार के एक महत्वपूर्ण विभाग के मुखिया हैं। लेकिन चुनाव से पहले वीआरएस लेकर ये कमल के फूल को अपने हाथों में लेकर वोट मांगते नजर आ सकते हैं। बताया तो यह जा रहा है कि भाजपा के जरनल इनकी पैरवी कर रहे हैं। इन ठाकुर अधिकारी का नाम फिजा में तैरने के बाद फूल हाथ में लेकर चुनाव की तैयारियों में जुटे भाजपाइयों का परेशान होना स्वाभाविक है।
बताया जाता है कि इन ठाकुर साहब के कई रिश्तेदार भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में है।
दोनों हाथों में लड्डू
भारतीय जनता पार्टी में बेशक एक व्यक्ति एक पद की नीति का निर्धारण हाईकमान ने कर रखा है, लेकिन गाजियाबाद में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो एक पद पर रहते हुए अनेक पदों की कमान संभाले हुए हैं। ऐसा ही एक मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला एक महिला पार्षद से जुड़ा हुआ है। जिसने अपने मंडल से एक ऐसी महिला को सिफारिश करके मंडल अध्यक्ष बनवा दिया जो भाजपा में सक्रिय नहीं थी। अब पार्षद मैडम अप्रत्यक्ष रूप से मंडल अध्यक्ष की भी ड्यूटी संभाल रही हैं और पार्षद की भी। चर्चा है कि मंडल के कार्यक्रमों में भी मैडम पार्षद खुद ही बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। इससे वह एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी में हैं। एक तो विरोधियों को सबक सिखाने की, तो दूसरे अगले चुनाव की तैयारी।
इस मुद्दे पर नहीं दूंगा इंटरव्यू, भैया मुझसे तो जुड़वाले हाथ
पिछले दिनों प्रदेश के मुखिया द्वारा दादरी में मूर्ति अनावरण के दौरान दो समुदायों में महापुरुष को अपना बनाने की होड़ लगी रही। इस दौरान महापुरुष के नाम के पहले लगे एक शब्द को हटा दिया गया। इसके बाद पंचायत और बिरादरियों की महापंचायतों का दौर शुरू हुआ तो ऐसे में एक मीडियाकर्मी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व एमएलसी से इस संबंध में चर्चा करनी चाही। नेताजी अपने राजनीतिक कैरियर को ध्यान में रखते हुए अपनी बिरादरी की पंचायतों के विषय में बोलने से बचते हुए नजर आए। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकार से कहीं दिया इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगा, मुझसे तो जुड़वाले हाथ।