– शिकायतों के चलते प्रदेश अध्यक्ष ने जिलों का नाम लेकर दिया संकेत
– पार्टी में धन वसूली की शिकायतें अब नहीं होगी बर्दाश्त
अशोक ओझा
गाजियाबाद। विधानसभा चुनाव सिर पर देख भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जो जिलाध्यक्ष यह मान रहे थे कि अब उनकी कुर्सी पक्की है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के तेवरों से यह पता चल रहा है कि पश्चिम के आधा दर्जन जिलाध्यक्षों के ऊपर तलवार लटक गई है। सत्ता वाली पार्टी में पैसे लेने की शिकायतों के बाद यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सीधे सीधे ऐसे अध्यक्षों को चेतावनी भी दे डाली। इसके साथ ही उन्हें सुधरने की चेतावनी दी गई।
स्वतंत्र देव सिंह साहिबाबाद विधानसभा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में भाग लेने आये थे। लेकिन सम्मेलन से पहले उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने बूथ सत्यापन के साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन समेत जो भी कार्यक्रम चल रहे हैं उनकी हर जिले की अलग- अलग समीक्षा की। इस बैठक में उनके तेवर भी स्पष्ट रूप से जिलाध्यक्षों को पहली बार दिखाई दिये। उन्होंने करीब आधा दर्जन जिलों का नाम लेकर कहा कि उनकी शिकायतें बहुत आ रही है। शिकायतें आना अच्छा नहीं है। इसको लेकर उन्होंने इन सभी अध्यक्षों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि अब भी समय है सुध जाओ। आर्थिक शिकायत आना अच्छी बात नहीं होती।
भाजपा सूत्रों के अनुसार जिन जिलाध्यक्षों की शिकायतें है उन अध्यक्षों का तो जैसे खून ही सूख गया। उन्होंने साथ ही कहा अब विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सभी लोग पूरा ध्यान चुनाव पर लगायें तथा पार्टी को बेहतर नतीजें दें। सूत्रों की मानें तो जल्द ही इन जिलाध्यक्षों को हटाने का निर्णय भी पार्टी कर सकती है। जिन जिलों का नाम शिकायतों को लेकर दिया गया उनमें गाजियाबाद के तीन पड़ोसी जिले भी शामिल है।
– बलदेव राज शर्मा- बालेश्वर त्यागी- अतुल गर्ग ने सुनाये संस्मरण
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटलजी के संस्मरण सुनाने की बात आई तो बलदेव राज शर्मा के साथ ही पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी एवं रायमंत्री अतुल गर्ग ने भी संस्मरण सुनायें। इसके साथ ही अन्य कार्यकर्ताओं को भी मौका मिला।