योगी सरकार ने 9 लाख बेरोजगारों को दिलाया कौशल विकास के तहत ट्रेड्स में प्रशिक्षण
वर्तमान सरकार के पूर्व के चार वर्षों में 3.71 लाख युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया था और 1.36 लाख को ही रोजगार दिलाया गया था
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अनेको योजनायें संचालित कर उन्हें रोजगार से लगा रहे है। उप्र कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाते हुए ‘सबको हुनर, सबको काम’ की नीति पर चलते हुए प्रदेश सरकार युवाओं व युवतियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। प्रदेश के बहुत से युवक व युवतियाँ शिक्षित तो होते है, किन्तु बिना किसी रोजगार के वे बेरोजगार हो जाते है। प्रदेश सरकार उन्हें रोजगार से लगाने के लिए कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाती है और सम्बन्धित ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त उन्हें स्वयं का बिजनेस, उद्यम स्थापित करने के लिए सहयोग एवं सरकारी निजी क्षेत्र में सेवायोजित कराती है। इस मिशन के अन्तर्गत युवाओं को पाठ्यक्रमों/ट्रेड्स चुनने का अधिकार होता है। इसके तहत 34 क्षेत्रों के 283 पाठ्यक्रमों व ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जाता है।
उप्र कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह जरूरी है कि वो उप्र का मूल निवासी हो और उसकी आयु 18 से 35 वर्ष की होना चाहिए। प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदक को आवेदन ऑनलाइन भरते समय आधार कार्ड, निवास, आयु, शैक्षिक योग्यता के प्रमाण, बैंक खाता नम्बर, पासपोर्ट साइज की फोटो, मोबाइल नम्बर आदि संलग्न करना होता है। वर्तमान सरकार के साढ़े चार साल की अवधि में उप्र कौशल विकास मिशन के द्वारा संचालित डीडीयू, जीकेवाई एवं अन्य योजनाओं के लिए प्रदेश में 735 निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को सरकार ने अनुबन्धित किया है। जहाँ बड़ी संख्या में अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। वर्तमान सरकार के पूर्व प्रदेश में मात्र 148 प्रशिक्षण प्रदाता ही अनुबन्धित थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का ध्येय है कि युवा अधिक से अधिक विभिन्न उद्यमों, कार्यों का हुनर सीख ले जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें। युवाओं के तकनीकी हुनर सीखने से वे रोजगार से लगेगें। इससे वे प्रदेश और देश की आर्थिक प्रगति में सहभागी बनेगें। प्रदेश में उप्र कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अगस्त 2021 तक लगभग 9 लाख युवक/युवतियों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया गया है। जिनमें 4.11 लाख युवाओं/युवतियों को रोजगार से सेवायोजित) लगाया गया है। जब कि वर्तमान सरकार के पूर्व के चार वर्षों में 3.71 लाख युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया था और 1.36 लाख को ही रोजगार दिलाया गया था। वर्तमान सरकार ने 15,89,185 युवाओं को साढ़े चार वर्ष में प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा था। चालू वित्तीय वर्ष में 6.88 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में उत्पादन और सेवा क्षेत्र से जुड़े हुए 24 प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फ्लैक्सी प्रशिक्षण प्रदाताओं के रूप में अनुबन्धित किया है, जबकि इसके पूर्व मात्र 13 प्रशिक्षण प्रदाताओं को ही अनुबन्धित किया गया था। सरकार ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को सेवायोजित कराने के लिए 8 प्लेसमेंट एजेंसीज को अनुबन्धित किया है, जबकि इस सरकार के पूर्व मात्र 3 प्लेसमेंट एजेंसीज को ही अनुबन्धित किया गया था। सरकार ने दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण हेतु विशिष्ट संस्थाओं का चयनित व अनुबन्धित करने के लिए आर०एफ०पी० जारी की तथा 38 ऐसी प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं को अनुबन्धित किया है, जो दिव्यांजनों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष रूप से दक्ष एवं अनुभवी है। प्रदेश में ऐसी संस्थाओं के माध्यम से दिव्यांजनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार परम्परागत कारीगरों, शिल्पकारों के कौशल उन्नयन और उनके प्रमाणीकरण के लिए रिकग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिसमें ओडीओपी योजना के उत्पाद भी सम्मिलित किये गये है वर्ष 2019-20 में 50603 एवं वर्ष 2020-21 में 1,50,000 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित कर उनके शिल्प कौशल व प्रमाणीकरण किया गया है। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार से लगाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।