Dainik Athah

मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित

6 गांव के किसानों ने जीटीए पर किया धरना प्रदर्शन

– एक समान मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया घेराव

अथाह संवाददाता: गाजियाबाद। जीडीए की बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों ने एक समान मुआवजे तथा बड़े हुए मुआवजे की मांग को लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय का घेराव किया। घेरा के दौरान बड़ी संख्या में किसान परिवार की महिलाएं भी शामिल रही।

किसानों ने जीडीए पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 6 गांव की पंचायत बुलाने का निर्णय लिया था और जब किसान एकत्रित हुए तो सभी किसान पंचायत ना कर जीडीए का घेराव करने के लिए चल दिए इस दौरान पुलिस के अधिकारियों ने उनको रोकने का प्रयास भी किया किंतु किसान ट्रैक्टर ट्रॉली ओं पर सवार हो लगभग बारह बजे जीडीए के खिलाफ नारेबाजी करते जीडीए गेट पर पहुंचे । यहां पहले से ही तैनात पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास भी किया, किसानों और पुलिस के बीच यहां हल्की झड़प भी हुई । किसानों ने  रणनीति के तहत महिलाओं को आगे किया ।

इसके बाद किसानों के साथ आई महिलाओं ने मुख्य गेट को बंद कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गईं और बाद में किसान भी धरने पर बैठ गए । किसानों का कहना है कि उन्हें जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए नहीं तो वह जीडीए को कॉलोनी में काम करने नहीं देंगे । किसानों के इस आंदोलन की अगुवाई किसान नेता सुदीप शर्मा कर रहे हैं । प्रदर्शन करने वाले किसानों में सदरपुर , बयाना , मटियाला , दुहाई , आदि छह गांवों के किसान शामिल रहे । जीडीए पर धरने के दौरान किसानों और पुलिस के बीच नौक झोंक हुई । इसके बाद हापुड़ चुंगी से होते हुए किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए जीडीए ऑफिस पर पहुंचे यहां पहले से ही पुलिस ने जीडीए के सामने वाले रास्ते को बंद कर दिया था । यहां किसानों के काफिले को पुलिस ने रोकने की कोशिश की । किसानों और पुलिस के बीच झड़प होती देख एक बार में लगा कि यहां विवाद बढ़ेगा । इसी बीच किसानों के साथ आई महिलाओं ने पुलिस को पीछे हटा दिया । किसानों ने वादाखिलाफी का अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि जीडीए ने मधुबन – बापूधाम कॉलोनी की 1234 एकड़ जमीन अधिग्रहण करते वक्त 1100 रुपये प्रतिवर्ग गज के हिसाब से मुआवजा किसानों को दिया था । किसानों ने बताया कि मधुबन बापूधाम योजना के अंतर्गत 800 एकड़ जमीन के किसान के साथ अन्याय हो रहा है और उस सरकार से मांग कर रहे हैं कि पूर्व में हुए समझौते पर जो भी निर्णय हुआ था उसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्हें पहले 162 रुपए वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान किया गया था बाद में अधिकारियों ने गांव में आकर समझाया था कि जिन लोगों को 162 रुपए के हिसाब से भुगतान हुआ है उन्हें भी बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाएगा । किसानों नहीं देने पर आशंका जताई कि उन्हें फर्जी मुकदमों में फसाने और धमकाने का काम किया जाएगा यदि ऐसी कोई बात होती है तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन एवं जीडीए की होगी। जीडीए पर धरना प्रदर्शन के दौरान पुराने बस अड्डे और आसपास के क्षेत्र में जाम लग गया और जाम से लोग घंटों परेशान रहे।

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