स्वास्थ्य चाहिए तो स्वच्छता को संस्कार बनाएं : मुख्यमंत्री
संचारी रोगों पर नियंत्रण को एकसाथ चलेगा सफाई, जलनिकासी, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग का अभियान
वार्ड स्तर पर गठित करें स्वच्छता समितियां
अथाह ब्यूरो
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। इसे अपने मनोभाव से जोड़ना होगा। यह मनोभाव अपने घर के साथ ही वार्ड, शहर और प्रदेश तक की स्वच्छता के प्रति होना चाहिए। यदि हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी और बीमारियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
सीएम योगी रविवार को महानगर के रैम्पस स्कूल में एक सप्ताह (12 सितम्बर तक) चलने वाले स्वच्छता महाभियान का शुभारंभ कर रहे थे। यह महाभियान पूरे प्रदेश में एकसाथ शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने विशेष अभियान में शामिल सफाईकर्मियों की टोली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, डायरिया आदि की रोकथाम के लिए स्वच्छता के इस महाभियान में सफाई, जलनिकासी, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग, छिड़काव जैसे कार्य एकसाथ चलेंगे। साथ ही पेयजल की शुद्धता का ध्यान रखने के लिए क्लोरीन के टैबलेट भी वितरित किए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि जिस तरह कोरोनाकाल में निगरानी समितियों ने बेहतर काम किया, उसी प्रकार स्थानीय व वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता के अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घर का कूड़ा नाली या सड़क पर न फेंके, इसे नियत स्थान पर रखे कूड़ेदान में ही डालें।
स्वच्छता अभियान से इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत न्यूनतम स्तर पर*
सीएम योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 साल तक नौनिहालों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण में स्वच्छता अभियान की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1977-78 से 2017 तक पूर्वी उत्तर में प्रति वर्ष 1200 से 1500 बच्चे इंसेफेलाइटिस के चलते जान गंवा देते थे। पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश इस बीमारी से कराह रहा था। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान का मंत्र दिया। सफाई के प्रति जागरूकता के इस पवित्र अभियान का परिणाम सबके सामने है। हर घर मे शौचालय होने से परिवर्तन हर तरफ दिख रहा है। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत न्यूनतम स्तर पर है, यह बीमारी लगभग गायब हो चुकी है।
*बीमारियों के गढ़ में अब लिखी जा रही विकास की नई कहानी*
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश एक समय इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का गढ़ बन चुका था। एक तरफ यहां माफिया का कहर था तो दूसरी तरफ मच्छर और गंदगी से अव्यवस्था फैली हुई थी। आज स्वच्छता जागरूकता से बीमारियों पर काबू पाने के साथ ही यहां हम विकास की नई कहानी लिखते जा रहे हैं।
*जलजमाव की समस्या का देंगे स्थायी हल*
सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में हुई भारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में नदियां ओवरफ्लो कर गईं। समय से बचाव के उपाय होने से नगरीय क्षेत्र बाढ़ से बच गए लेकिन नदियों का जलस्तर बढ़ने के चलते रेगुलेटर बंद करने पड़े। इसके दुष्परिणाम से शहर के कुछ इलाकों में भीषण जलजमाव की समस्या हो गई। उन्होंने बताया कि शहर में जलजमाव की समस्या का समाधान निकालने को लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम की समन्वित टीम बनाई गई है। इस टीम को तत्काल जलजमाव के अस्थायी और स्थायी समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। यह समाधान नए मोहल्लों समेत पूरे शहर के लिए होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगहों पर सड़क तो बनाई जाती है लेकिन नाली का काम अधूरा छोड़ दिया जाता है। यदि हम समय रहते सड़क के साथ ही नाली बनाने पर भी ध्यान देंगे तो जलनिकासी की समस्या नहीं आएगी। जनप्रतिनिधियों के साथ ही नागरिकों को भी इसे लेकर सजग रहना होगा।
*सफाईकर्मियों को सराहा,कहा आप नींव के पत्थर*
प्रदेश स्तरीय एक सप्ताह के स्वच्छता महाभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाईकर्मियों को स्वच्छता के लिए नींव का पत्थर बता उनकी जमकर हौसलाफजाई की। सीएम ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली नौ महिला सफाईकर्मियों व कई पुरूष सफाईकर्मियों को अपने हाथों उपहार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने सफाईकर्मियों का ह्रदय से स्वागत करते हुए कहा कि ये सफाईकर्मी खुद की चिंता किए बगैर अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से आप सबके घर और नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में लगे रहते हैं। स्वस्थ जीवन की परिकल्पना को साकार करने में इनका बड़ा योगदान है। चाहे इनका खुद का स्वास्थ्य कैसा हो, ये नगर के स्वास्थ्य को ठीक रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने सफाईकर्मियों को स्वच्छता के लिए नींव का पत्थर बताते हुए कहा कि पहले इनकी आवाज दब जाती थी। इनके सम्मान से स्वच्छता महाभियान की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है। सफाई तो ये पहले भी करते रहे लेकिन आज अच्छी सरकार है तो इनके कार्य को सम्मान देकर प्रमाणित भी कर रही है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नगर निगम हर पर्व के बाद भी सफाईकर्मियों को बुलाकर उन्हें मिठाई खिलाए, भोजन कराए और सम्मानित करे।
*शिक्षक दिवस पर डॉ राधाकृष्णन को किया याद*
स्वच्छता महाभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन को भी याद किया। उन्होंने कहा कि समाज को सही दिशा देने वाला ही शिक्षक होता है। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षक दिवस पर डॉ राधाकृष्णन की स्मृति में समाज को बेहतर दिशा देने के लिए स्वच्छता के इस महाभियान से जुड़ें।