Dainik Athah

प्रदेश सरकार एसआईआरएफ के तहत इंजीनियरिंग कॉलेजों को देगी रैंकिंग

– यूपी स्टेट इंस्टीट्यूशन रैकिंग फ्रेमवर्क के जरिए परखी जाएगी तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता
– शोध, प्लेसमेंट, नवाचार व शैक्षणिक गुणवत्ता के आधार पर दी जाएगी रैंक

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेम वर्क की तर्ज पर प्रदेश सरकार तकनीकी संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यूपी स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क लागू करेंगी। तकनीकी संस्थानों को शोध, प्लेसमेंट, दाखिले व नवाचार के आधार पर रैकिंग जारी की जाएगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश के राजकीय व निजी तकनीकी संस्थानों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार ने शनिवार को ट्वीटर के जरिए जानकारी दी कि प्रदेश में जल्द ही यूपी स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क तक प्रदेश के तकनीकी संस्थानों की रैकिंग की जाएगी। इसमें संस्थानों में टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, ग्रेजुएशन आउटकम (संस्थान के रिजल्ट्स, प्लेसमेंट), आउटरीज एंड इन्क्लूसिविटी (वैश्विक स्तर पर संस्थान की भागीदारी) आधार पर उनकी रैंक तय की जाएगी। रैकिंग के आधार पर संस्थानों को अनुदान दिए जाने की भी योजना है।


एकेटीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनीत कंसल के अनुसार मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से नेशनल इंस्टीट्यूशन रैकिंग फ्रेमवर्क के तहत देश भर के विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों में शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध, प्रवेश, छात्र संख्या, पाठ्यक्रम आदि के आधार पर एनआईआरएफ रैकिंग कराई जाती है। अब उत्तर प्रदेश में एसआईआरएफ के जरिए तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता को परखेगा । इससे संस्थानों की गुणवत्ता में इजाफा होगा। संस्थान को अच्छी रैकिंग मिलने से वहां दाखिले के लिए छात्रों का रूझान भी बढ़ेगा। सरकार की यह एक शानदार पहल है। इससे छात्रों और संस्थान दोनों को ही फायदा होगा।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तकनीकी शिक्षा में सुधार के साथ छात्रों का कौशल विकास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से करीब 750 तकनीकी संस्थान सम्बद्ध है, जिसमें करीब 14 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल है। जहां पर करीब साढ़े तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों समेत प्रदेश के कुछ टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए मारामारी रहती है। इनमें कुछ संस्थान ऐसे भी है जहां पर बीटेक की सीटें भरना मुश्किल हो जाता है। एसआईआरएफ लागू होने से जिन संस्थानों में दाखिले की दिक्कत रहती है। उनको काफी फायदा होगा। वहां पर शैक्षिणक गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। शोध और प्लेसमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार सरकार यूपी स्टार्टअप योजना के जरिए छात्रों आइडियाजा को अमली जमा पहनाने के लिए आर्थिक मदद भी कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *