– पूर्व ओलंपिक खिलाड़ियों ने खेल के लिए उर्दू और संस्कृत की चार पुस्तकों का किया विमोचन
– अपनी-अपनी भाषाओं के माध्यम से लोग जुड़े खेलों से : डॉ कनिष्ठ पांडे
अथाह संवाददाता: गाजियाबाद। परंपरागत शिक्षा के साथ खेल, बच्चों को खेल का ज्ञान भी साथ साथ हो इसके लिए भारत की गंगा जमुना तहजीब के साथ खेल को साहित्य माध्यम से बच्चों में खेल के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से चलो खेल की धारा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके तहत उर्दू और संस्कृत भाषा की पुस्तकों का विमोचन किया गया।
स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ संस्था ने अब मदरसों व संस्कृत स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को भी खेल की धारा से जोड़ने का अभियान शुरू किया है । कैसे इन छात्रों को खेलों से जोड़ा जाए , इसको लेकर संस्था ने एक कार्यक्रम का आयोजन लोहिया नगर के हिन्दी भवन में किया गया । कार्यक्रम की थीम थी ‘ चलो खेल की धारा अब मदरसों एवं संस्कृत पाठशालाओं की ओर ‘ था । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व ओलंपियन खिलाड़ी व मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र अशोक ध्यानचंद , पूर्व ओलपियन एमपी सिंह , पूर्व ओलंपियन जलालुद्दीन , जेएनयू के प्रोफेसर हरेराम मिश्र , पूर्व ओलंपियन मौ . इशरफ हुसैन संस्था के सचिव विजय शंकर पाण्डेय , सरंक्षक एमपी कुलश्रेष्ठ , स्पोर्ट्स रिसर्चर व संस्था अध्यक्ष डॉ . कनिष्क पांडे ने दीप प्रज्जवलित कर किया । इसके बाद संस्था की ओर से भी विशेष अतिथियों का स्वागत फूल देकर व पटका पहना किया । संस्था के अध्यक्ष कनिष्क पांडे ने कहा कि संस्था की फिलॉस्फी है , कि खेलों को अगर बढ़ावा देना है , तो इसके लिए बच्चों और प्रारंभिक स्कूलों से शुरुआत की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि अपनी रिसर्च के दौरान जानकारी मिली कि संस्कृत और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे खेल की धारा से कटे हुए हैं ।
यहां तक की इन बच्चों को एक दो स्पोर्ट्स की जानकारी के अलावा अन्य कोई जानकारी तक नहीं थी । ऐसे में संस्था ने यह मुहिम शुरू की है , ताकि बेसिक से ही बच्चों को खेलों से जोड़ा जा सके । इस अभियान के तहत बच्चों को न सिर्फ खेलों की जानकारी दी जाएगी , बल्कि उन्हें स्पोर्टस में शामिल किया जाएगा । खेलों से सम्बंधित एक पुस्तक का विमोचन भी कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने किया । यह पुस्तक हिन्दी , ऊर्दू और संस्कृत भाषा में तैयार की गई है , जिससे आसानी से बच्चे इसका अध्ययन कर सकें । विशेष अतिथि अशोक ध्यानचंद ने कहा कि देश में खेलों को बढ़ावा तो मिल रहा है , लेकिन जिस तरह से अन्य देशों में बेसिक शिक्षा से ही बच्चों को खेलों की जानकारी दी जाती है , उस स्तर पर अभी देश में शुरुआत नहीं हो सकी है । ऐसे में संस्था की यह शुरुआत देश में एक नया मील का पत्थर साबित होगी । पूर्व ओलंपियन एमपी सिंह ने कहा कि देश के हर स्कूल में नियमित रूप से खेलों का आयोजन ही नहीं , बल्कि गतिविधियां भी होनी चाहिए जिससे बच्चों में बचपन से ही खेलों के प्रति जागरूकता बढ़े । अन्य अतिथियों ने भी संस्था की पहल की सराहना करते हुए कहा कि खेलों से हर वर्ग व भाषा के बच्चों को परिचित कराने के लिए यह बेहतर प्रयास है । इस अवसर पर प्रिया पांडेय , दूधेश्वरनाथ मंदिर के आचार्य पंडित तोयराज , मौलाना गालिब जकी , बीएससी ब्रजभूषण चौधरी , गौरव त्यागी आदि मौजूद रहे । कार्यक्रम का संचालन पूनम शर्मा ने किया ।