Dainik Athah

दिल दिया है…जान भी देंगे गाने की धुन पर खड़े हो गए श्रोताओं के रोंगटे

– काकोरी कांड के शहीदों को सीआईएसएफ, पुलिस व पीएसी बैंड ने दी श्रद्धांजलि

– एसएसपी ने आरडीसी में काकोरी कांड के शहीदों को किया याद

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। दिल दिया है…जान भी देंगे..ए वतन तेरे लिए…दिलीप कुमार की फिल्म कर्मा के इस गाने की धुन सोमवार को जब शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके आरडीसी में लोगों के कानों में पड़ी तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। सब यह जानने के इच्छुक थे कि आखिर पुलिस के बड़े अफसरों की मौजूदगी में अच्छी पोशाक पहने बैंड के लोग इस धुन को बजा क्यों रहे है? आखिर उनका ये संस्पेंस खत्म हुआ, पूरा प्रोग्राम खत्म होने के बाद।


दरअसल 9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी कांड में शहीद हुए शङीदों की याद में इस कार्यक्रम को रखा गया था। काकोरी ट्रेन कांड की 97वीं वर्षगांठ पर देश की स्वाधीनता के लिए स्वयं को बलिदान करने वाले वीर शहीदों को सोमवार को डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर केन्द्रीय पुलिस बल के बैण्ड द्वारा 11 बजे द्वारा आरडीसी राजनगर में नो व्हीकल जोन एरिया में 5 वीं वाहिनी सीआईएसएफ गाजियाबाद के सहयोग से राष्ट्रगीतों की धुनों का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस दौरान एसएसपी अमित पाठक ने कहा बैण्ड यूनिट को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर अमितफाठक ने कहा कि काकोरी कांड में शहीद होने वाले वीरों को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। वह सदा अमर रहेंगे।
इससे पहले पुलिस, पीएसी, होमगार्डस के बैंड ने प्रातः आठ बजे मनन धाम, फिर शहीद स्थल पर भी काकोरी कांड के शहीदों को अपने श्रद्धांजलि अर्पित की।


आपको बता दें कि काकोरी कांड में अंग्रेजी हुकूमत का पैसा और हथियार लूटने के मामले में क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह समेत कुल दस क्रांतिकारियों को याद किया जाता रहेगा। 17 दिसंबर, 1927 को राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को गोंडा में, 19 दिसंबर को रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर, अशफाक उल्ला खां को फैज़ाबाद, रोशन सिंह को इलाहाबाद की जैेल में फांसी दी गई।

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