– नई हवा में सपा का कहीं नामोनिशान भी नहीं
– बेहद सम्मानित और आत्मीय संबंध का प्रतीक अब्बाजान से आपको क्या आपत्ति
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि अखिलेश जी आप इतना झूठ कहा से लाते हैं? कहीं आपने किसी झूठ के विश्वविद्याल से तो पढ़ाई नहीं की है? आपकी नीतियां इतनी ही मानवीय, सौहार्दपूर्ण और जनहितकारी रहीं हैं तो जनता लगातार हर चुनाव में आपको लगातार क्यों खारिज कर रही है?
बकौल सिद्धार्थनाथ सच तो यह है कि आपका पूरा शासन काल अराजकता का पर्याय था। लोग उस अराजकता को न भूले हैं, न कभी भूलेंगे। रही बात सपने देखने की तो आप देखते रहिए। सच सबको पता है और आपको भी। बाइस में बाइसिकल को लोग अंतिम रूप से विदा करने को बेताब हैं। आप जिस
नयी हवा की बात कर रहे हैं उसमें कही भी सपा का कोई नामों निशान नहीं है।
आप कब, कहां और क्या बोल जाएं कोई ठिकाना नहीं। कभी तो आप कहते हैं कि मैं पूजा-पाठ में यकीन नहीं करते, कभी खुद को सबसे बड़ा पुजारी, ध्यानी घोषित करते हैं। आपके लिए वर्ग विशेष सिर्फ वोट बैंक है। वोट के सिवा आपने कभी कोई उनकी चिंता नहीं कि। अब तो उनकी मीठी जुबान भी आप को कड़वी लगती है। अब्बाजान तो उर्दू में बेहद सम्मान का शब्द है। कहने में भी अच्छा और आत्मीय लगता है। आप तो अब्बाजॉन कहने पर ऐसे लाल-पीले हो रहे हैं मानों यह कोई गाली हो। वैसे भी आप अपने पिताजी को पिताजी नहीं पापा कहते हैं और वह आपको टीपू। यह तो अंग्रेजी से प्यार और मीठी जुबान ऊर्दू से नफरत वाली बात हो गयी। कहां गया आपका वर्ग विशेष के प्रति प्रेम? क्या यह भी सिर्फ दिखावा है।
मालूम हो कि अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा है कि
सपा की मानवीय, सौहार्दपूर्ण और जनहितकारी नीतियों में जनता का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। नतीजतन विभिन्न दलों के लोग सपा से लगातार जुड़ रहे हैं। मैं इन सभी लोगों का स्वागत करता हूं।