– भाजपा आईटी- सोशल मीडिया विभाग की कार्यशाला
– सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग कर विपक्षियों की रणनीति को दिखाएं बैकफुट
– सोशल मीडिया जैसे बेलगाम घोड़े को नियंत्रित करने के लिये प्रशिक्षण बहुत जरूरी
– पिछले दो दशकों में जिस एक मीडिया ने धमक बनाई है वो बिन माई-बाप का है
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। केन्द्र व राज्य सरकार की नकारात्मक छवि प्रस्तुत करने वालों को जवाब देने की जरूरत है। इसलिये मुहूर्त देखे बिना सोशल मीडिया पर सक्रिय होना पड़ेगा। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भाजपा उत्तर प्रदेश की आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग की कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि हम सच्चाई को सामने रखने का प्रयास नहीं करते जो हमारी कमी है। इस कमी का ही फायदा वो लोग उठाते हैं। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
सीएम ने कहा कि हमें प्रोफेशनल तरीके से टीम बनाकर काम करना होगा। मुठ्ठी भर लोग जो माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं उनको जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की भूमिका से सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना होगा। ऐसी रणनीति से विपक्षियों को बैकफुट पर जाने को मजबूर करना होगा। इसके लिए बेहतर व्यूह रचना भी तैयार करनी होगी। कोई किसानों पर चर्चा करता है तो उनको बताइयें कि 45 लाख गन्ना किसानों को 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया। हम सरकार की उपलब्धियों में अपने शब्दों को जोड़कर और प्रभावी बना सकते हैं। हमपर कोई आरोप लगाता है तो उनसे पूछना चाहिये कि वो चार लाख युवाओ का इंटरव्यू क्यों नहीं लेते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वास्तव में यह कार्यक्रम चुनाव को ध्यान में रखते हुए नहीं बल्कि यह नियमित दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि समय बदल चुका है। उन्होंने कहा कि दो दशक में मीडिया में बहुत बदलाव आया है। हम लोगों ने जब राजनीति शुरू की थी तो प्रिंट मीडिया का बोलबाला था जो सही सूत्रों से जानकारी लेता था लेकिन इसके बाद जिस एक मीडिया ने धमक बनाई है वो बिन माई बाप का है अगर आपकी पहले से तैयारी नही है तो आप इनसे प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिये सोशल मीडिया की भूमिका से हम कतई अपने आप को अलग नहीं कर सकते।
– लाभार्थियों से मिलकर उनके जीवन में आए परिवर्तनों का वीडियो बनाएं
आज का प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम जिस विचार प्रवाह से जुडे हैं। यहां दल से ऊपर देश को मानकर चला जाता है। इसीलिये हमें वर्तमान की अपनी भूमिका को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना होगा। क्या कोई सोचता था कश्मीर में धारा 370 समाप्त होगी। अयोध्या में राम जन्म भूमि का मुद्दा इतनी सरलता से हो जाएगा। हम तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत नहीं कर पाते। हमारी सरकार ने गरीब कल्याण के लिये जो कार्य किये, जनधन योजना से लोगों को लाभान्वित किया। फ्री गैस कनेक्शन दिए, 10 करोड़ किसानों को लाभ दिया। लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिको को फ्री में राशन, फ्री में वैक्सीन जैसी उपलब्धियों की हम चर्चा नहीं करते। आवास योजना में 40 लाख लोगों को आवास उपलब्ध कराया जा चुका है। लेकिन यह चर्चा का विषय नहीं बनता। लाभार्थियों से मिलकर उनके जीवन में क्या परिवर्तन आया इसका वीडियो बनाएं।
– सरकार की योजनाओं से मिल रहे लाभ को बनाए चर्चा का विषय
आज की युवा पीढ़ी को यह कैसे प्रभावित कर रहा है उसको भी कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है। आज भी कोई मुद्दा सोशल मीडिया पर उठता है दूसरे तीसरे दिन वह प्रिंट मीडिया का हिस्सा बन जाता है उसी में सभी चीजें आगे बढ़ने लगती है। इस बेलगाम घोड़े को नियंत्रित करने के लिये प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हम जैसे कार्यकतार्ओं के लिये आवश्यक है। मै पिछले तीन चार वर्षों से देख रहा हूं अनावश्यक मुद्दों को बेवजह उकेरा जाता है। भारत सरकार अपनी किसी बड़ी उपलब्धि के साथ सामने आ रही हो तो देश के अंदर वातावरण को खराब करने का माध्यम बनता है सोशल मीडिया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं से मिल रहे लाभ को चर्चा का विषय बनाने के लिये काफी कुछ हो सकता है।
– प्रदेश अध्यक्ष ने दिया बूथ तक व्हाट्सएप ग्रुप और समिति बनाने का लक्ष्य
समापन सत्र में पार्टी की रीति और नीति की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि चार साल में एक दिन की छुट्टी नहीं है और पिता के देहांत पर भी एक दिन की छुट्टी नहीं। ऐसा नेतृत्व केवल भारतीय जनता पार्टी के पास है। हमारा गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में शेर पलते हैँ शियार नहीं। आपके दम पर 2022 चुनाव जीतना है। सोचो तो ठंडा सोचो, मीठा बोलो, सीने में आग, और पैर में चक्कर। जब तक देश भर में वंदेमातरम का नारा न लग जाए तब तक चलते रहना है। ये आपकी पार्टी है। जब तक बूथ तक समिति और व्हाट्सएप ग्रुप न बन जाए तब तक चलते रहना है।