कोरोना की दूसरी लहर के धीमा होने के साथ ही लोगों ने कोरोना से बचाव के उपाय लगता है खूंटी पर टांग दिये। दो दिनी लॉक डाउन भी लगता है तमाश बनकर रह गया। पिछले सप्ताह एसएसपी/डीआईजी ने जब रात के समय निरीक्षण किया था उस समय अनेक रेस्टोरेंट में भीड़ भाड़ मिली थी जिस कारण उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। इतना ही नहीं एक कोतवाल पर भी गाज गिरी। मिठाई की नामचीन दुकानों से बेरोकटोक मिठाइयां एवं अन्य सामान की बिक्री हो रही है। यदि उन्हें इजाजत है तो हलवाइयों की छोटी दुकानों को भी छूट मिलनी चाहिये। जैसा कि मेरठ में है। छोटे दुकानदारों पर ही क्यों बंदिशे लगी है। रविवार को नजारा देखने के लिए सेक्टर दस मार्किट पहुंच गया। यहां पर चाट की एक मशहूर दुकान है।
दुकान के शटर तो बंद थे। लेकिन दुकान के बाहर करीब 30- 40 लोगों का जमावड़ा था। नजारा देखा तो कोई चाऊमीन पैक करवा रहा था, कोई टिक्की एवं गोल गप्पे। मैंने उत्सकुतावश पूछा कि गोल गप्पे मिलेंगे। जवाब मिला पैक करवाकर ले जाओ। यहां पर अधिकांश के मुंह पर मास्क भी नहीं थे। इसके साथ ही कई रेस्टोरेंट भी खुले नजर आये। इतना ही नहीं वाहनों की रफ्तार भी आम दिनों की भांति थी। मिठाई की छोटी दुकान बंद रहेगी, चाट की ठेली नहीं लगेगी। लेकिन बड़ी दुकानों को छूट, आइसक्रीम की ठेलियों को छूट। यह समझ से परे है। बड़ों को छूट तो छोटों को भी छूट मिले। इसके साथ ही मास्क को लेकर बाजारों में चालान की आवश्यकता है। आईसीएमआर ने चेतावनी भी दी है तीसरी लहर अवश्य आयेगी। इसे रोकने की अथवा धीमा करने की आवश्यकता है।