गाजियाबाद। नगर निगम, जीडीए, आवास विकास परिषद हर वर्ष जिले में अपने अपने स्तर से पर्यावरण संरक्षण हेतु लाखों पौधे रोपित करते हैं। जिसमें अच्छी खासी रकम खर्च हो जाती है। यह बात दीगर है कि पौधे बाद में बिना देख रेख के सूख जाते हैं। लेकिन सरकारी विभागों के कागजों में पौधे लहलहा रहे होते हैं। बीते वर्ष नगर निगम द्वारा प्रताप विहार सेक्टर 12 एल ब्लॉक, वार्ड 15 की ग्रीन बेल्ट भूमि में लाखों की लागत से नगर आयुक्त महापौर ने पौधे रोपित किए थे। जानवरों से पौधे सुरक्षित रहे इसके लिए बाकायदा तारबंदी भी की गई, पौधों की देखरेख के लिए उद्यान निरीक्षक अजय कुमार, माली चंद्रपाल, चौकीदार विनोद की तैनाती भी की गई, लेकिन आज हालात यह है कि निगम द्वारा लगाए गए हजारों पौधे सूख गए और जमीन एकदम बंजर सी हो गई है ।अब यहां खरपतवार अनावश्यक पौधों की झाड़ियां नजर आ रही है तो दूसरी ओर क्षेत्र के डेयरी संचालक यहां गोबर डाल रहे है जिससे गंदगी का साम्राज्य है। हालत यह है कि रोड से निकलने वालों को बदबूदार गंदगी से दो चार होना पड़ता है। बता दें कि दूषित होते पर्यावरण को बचाए रखने के लिए सरकारी विभाग हर साल बरसात में पौधारोपण अभियान चलाते है। जिसमें खाली पड़ी सरकारी भूमि पर पौधे लगाए जाते हैं। पूर्व में सेक्टर 12 प्रताप विहार एल ब्लॉक की ग्रीन बेल्ट की भूमि पर पौधे लगाए लेकिन बिना देखरेख के पौधे सूख गए और निगम को बैठे बैठाए लाखों का चूना लग गया। मौजूदा समय में ग्रीन बेल्ट भूमि बिना पौधों के वीरान जंगल सी पड़ी है तो दूसरी ओर डेयरी संचालक गोबर डाल रहे है।जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। कई बार इस मामले की शिकायत निगम से की गई लेकिन किसी ने कोई गौर नहीं किया जिसकी वजह से निगम द्वारा लगाए गए पौधे सूख कर जमीन वीरान हो गई।