– धामी ने उच्चस्तरीय बैठक में लिया फैसला
अथाह संवाददाता
देहरादून। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के इस फैसले के बाद सबसे झटका यूपी को लगा है, क्योंकि योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा की इजाजत दे दी है।
आपको बता दें कि अप्रैल महीने में हरिद्वार कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। इससे राज्य में कोरोना की स्थिति बिगड़ी थी। इसी को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया था। हालांकि, इस बीच राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो गया। नए मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से बातचीत के बाद कांवड़ यात्रा पर फैसला लेने की बात कही थी। इसी को लेकर आज मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया।
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द करने की उठ रही थी मांग
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द करने की मांग की जा रही थी। विशेषज्ञों का कहना था कि अगर यात्रा आयोजित होगी तो इससे कोरोना संक्रमण के व्यापक पैमाने पर बढ़ने की संभावना बनेगी। तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा ‘सुपरस्प्रेडर इवेंट’ के रूप में कुंभ मेले से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। बीते रोज आइएमए उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज यह अनुरोध किया है कि कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया जाए। आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना के अनुसार हर साल सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में आते हैं।
भाजपा सरकारों में तालमेल की कमी
कांवड़ यात्रा को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही अपनी हरी झंडी दे चुकी है। जिसकी तैयारियां भी जोरों-शोरों से चल रही है, लेकिन उत्तराखंड की भाजपा सरकार के इस फैसले ने योगी सरकार को झटका देने का काम किया है। हालांकि अभी तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अपना कोई बयान जारी नहीं किया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों प्रदेशों में भगवा सरकारें हैं, लेकिन जिस तरह से कावड़ यात्रा को रद्द किया गया है, उससे भाजपा सरकारों में तालमेल की कमी साफ दिख रही है।