Dainik Athah

विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर बनाये जायेंगे प्रमुख प्रत्याशी!

गाजियाबाद समेत प्रदेश के उन जिलों में अब ब्लाक प्रमुख पद के लिए कसरत शुरू हो गई जिन जिलों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गये हैं। लेकिन प्रमुख प्रत्याशियों का चयन करना पार्टी के लिए खड़े पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं है। भाजपा के धुरंधर जहां अपने प्रत्याशियों को पार्टी में चुनाव लड़वाना चाहते हैं, वहीं दूसरे दलों के कार्यकर्ता भी भाजपा में आकर प्रमुख पद पर कब्जा करने की हसरतें पाल रहे हैं। अन्य दलों से आने वाले पार्टी में कब तक रहेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं है। बागपत के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मुंह की खा चुकी भाजपा को हर कदम फूंक फूंक कर उठाना होगा।

इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की जुगत में लग गई है। इस स्थिति में पार्टी चाहेगी कि दलित चेहरा ही सामने लाया जाये जिससे उसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को मिले। लेकिन दलितों में सैंध लगाने की तैयारी अन्य जातियोें ने कर ली है। एक ऐसा ही उदाहरण गाजियाबाद जिले में है जहां महिला तो दलित समाज से है। लेकिन उन्होंने विवाह दूसरी जाति में किया। ऐसे मामले संगठन के सामने बड़ी समस्या है। ऐसे में पार्टी के पास कोई विकल्प भी नहीं है। इस मामले में दलित महिला जिसने दूसरी जाति में विवाह किया उसके समर्थक दावा करते हैं कि दो जातियां आपस में मिल जायेगी। लेकिन सभी को पता है कि ये दोनों जातियां आपस में मिल नहीं सकती। अब पार्टी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर रणनीति बना रही है कि कैसे अन्य जातियां जो पार्टी के साथ नहीं है उनका साथ मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *