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नहीं चलेगी ग्राम प्रधान- सचिवों की जुगलबंदी, मजबूत तंत्र से रुकेगी मनमानी

– 15 वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को मिलेंगे 2.36 लाख करोड़
– देश की सभी ग्राम पंचायतों का होगा आॅनलाइन आडिट
– ग्राम पंचायतों के प्रधान- सचिवों की जवाबदेही होगी तय

अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत देश के किसी भी ग्राम पंचायत के प्रधान एवं सचिव की जुगलबंदी से होने वाली मनमानी पर अब रोक लग सकेगी। प्रधान- सचिव के तंत्र की जुगलबंदी को ध्वस्त करने एवं ग्राम पंचायतों को मिल रहे भारीभरकम फंड की कड़ी निगरानी के लिए मजबूत तंत्र बनाया जा रहा है। गांवों के विकास कार्यों की नियमित सोशल आडिट के साथ धनराशि खर्च करने के तौर तरीकों का आनलाइन आडिट होगा। यह निगरानी प्रणाली देश की सभी ग्राम पंचायतों में लागू की जाएगी। गांवों के सभी कार्य निर्धारित ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत कराए जा सकेंगे। उसी के अनुरूप खर्च भी किया जा सकेगा। इससे ग्राम प्रधानों व सचिवों की मनमानी पर रोक लगनी तय है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इसके लिए विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी, जिसे सभी ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।


– ग्राम पंचायतों में खर्च को लेकर उठते हैं सवाल
केंद्र व राज्यों की ग्रामों से संबंधित अनेक योजनाओं की ज्यादातर धनराशि सीधे ग्राम पंचायतों के बैंक खाते में पहुंचती है। केंद्र व राज्य के वित्तीय आयोगों की सिफारिशों के आधार पर भी ग्राम पंचायतों को काफी धन प्राप्त होने लगा है। इसके खर्च को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। केंद्र सरकार ने पहले सभी पंचायतों से अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार कराई है। देश में 2.60 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। इनमें 31 लाख से अधिक प्रतिनिधि निर्वाचित हैं जिनमें 14 लाख महिला प्रतिनिधि हैं।


– वित्तीय आडिट के साथ होगा सोशल आडिट, गाइड लाइन जारी
केंद्रीय ग्राम विकास व पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर ने गाइड लाइन जारी करने के बाद कहा कि ग्राम पंचायतों के कामकाज और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाना बहुत जरूरी है। इससे पंचायतों की साख व प्रतिष्ठा बढ़ेगी और विकास के कार्य भी तेजी से होंगे। उन्होंने कहा कि पंचायतों के पास धन की कोई कमी नहीं है। कामकाज के साथ पंचायतों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। पंचायतों की आत्मनिर्भरता से ही देश आत्मनिर्भर हो सकेगा। देश के 14 राज्यों की 20 फीसद ग्राम पंचायतों में लेखा परीक्षण का कार्य आनलाइन हो चुका है, जिसे बढ़ाकर 100 फीसद करना है। देश को बुनियादी स्तर पर मजबूत बनाने में ग्राम पंचायतों की सबसे बड़ी भूमिका है।


– 15वें वित्त आयोग में 2.36 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कई स्तरों पर कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार सुधार के कई प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.03 लाख करोड़ राशि प्रदान करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इसे मंजूर करते हुए पंचायतों को भेज दिया है। पिछले पांच सालों के दौरान इसका 97 फीसद हिस्सा गांवों को प्राप्त हो चुका है। 15वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.36 लाख करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया है।

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