Dainik Athah

पाइप लाइन रोड का पेच वर्क का काम हुआ शुरू

– विकास संघर्ष समिति का प्रयास रंग ला रहा है रंग, चौड़ीकरण पर चुप्पी से संदेह
– जल निगम के अधिकारी चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण पर साधे हैं चुप्पी
– विधायक अजीत पाल त्यागी ने विधानसभा में भी उठाया था सड़क का मुद्दा

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। विकास संघर्ष समिति जिस सड़क के निर्माण एवं उसके चौड़ीकरण के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही थी वह अब रंग लाने लगा है। जल निगम उत्तर प्रदेश ने सड़क का पेज वर्क शुरू कर दिया है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो सड़क निर्माण भी बरसात के बाद शुरू हो सकता है। हालांकि जल निगम के अधिकारियों की चुप्पी सड़क निर्माण के टेंडर को लेकर सवाल भी खड़े कर रही है।


बता दें कि पाइप लाइन मार्ग जिसे बादशाही मार्ग भी कहा जाता है की स्थिति पिछले कई वर्षों से दयनीय थी। बड़े बड़े गड्ढे होने के साथ ही संकरी सड़क से लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह सड़क लोनी क्षेत्र को मुरादनगर से जोड़ती है। इसके साथ ही यह सड़क दिल्ली- मेरठ हाइवे पर जाम लगने की स्थिति में बाईपास का काम भी करती है। मुरादनगर क्षेत्र के 50 से ज्यादा गांव इस सड़क से जुड़े हुए हैं।


विकास संघर्ष समिति सड़क को लेकर पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रही है। समिति ने गत वर्ष 20 सितंबर से चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए पुन: आंदोलन करने से पूर्व एक रुपरेखा एवं रणनीति तैयार की जिसमें दृढ़ संकल्प लिया गया कि तब तक आंदोलन जारी रहेगा जब तक उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं हो जाता। आंदोलन शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री एवं सांसद जनरल वीके सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना, क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी (मुरादनगर) एवं नन्द किशोर गुर्जर (लोनी), जिलाधिकारी गाजियाबाद, मुख्य अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम गाजियाबाद एवं अधिशासी अभियंता दिल्ली जल सम्पूर्ति ईकाई गाजियाबाद, से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर सेकंडों गांवो के जन प्रतिनिधियों की संतुति के साथ क्षेत्र की इस विकट स्थिति एवं समस्या से अवगत कराया गया था ।


मुरादनगर क्षेत्र के गांवों के लोगों की समस्या को देखते हुए विधायक अजीत पाल त्यागी ने उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में भी उक्त समस्या को उठाया था। जिसको लेकर सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया था। गत वर्ष दो अक्तूबर को आंदोलन के दौरान पाइप लाइन रोड बहादुर पुर में आयोजित ग्रामीण पंचायत में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी, एसडीएम गाजियाबाद एवं अधिशासी अभियंता दिल्ली जल सम्पूरति ईकाई गाजियाबाद के इस आश्वासन के बाद आन्दोलन के स्थगित किया गया कि शीघ्र ही दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत कर दो माह में निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा। एक माह बाद प्रशासन की मध्यस्थता में हुई त्रिपक्षीय वार्ता में उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का निर्णय लिया गया।


उसी निर्णय के अनुसार उक्त मार्ग के निर्माण के लिए आईंआईंटी रुड़की को तकनीकी परीक्षण एवं मानक निर्धारण के लिए पत्र भेजा गया। जिसमें उक्त मार्ग को दो मीटर बढ़ा कर 5.80 मीटर चौड़ी करने की सलाह दी गई। विकास संघर्ष समिति गाजियाबाद के सचिव सलेक भइया ने कहा चौड़ी करण एवं सुदृढ़ीकरण की इस प्रक्रिया में सर्व प्रथम इस मार्ग को सुचारू रूप से वाहनों को चलने के लिए गड्ढा मुक्त किया जायेगा, जिससे दोनों तरफ एक एक मीटर सड़क चौड़ी करने के लिए लगे खड़ंजे को उखाड़ने पर आवागमन में कोई परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने बताया कि सड़क की लागत 31 करोड़ 37 लाख रुपये है। पांच दिन से शुरू हुए इस कार्य में चार किमी को गड्ढा मुक्त कर दिया गया है। दस दिन में मुरादनगर तक गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा।


हालांकि इस संबंध में जल निगम के अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। जबकि क्षेत्र में चर्चा है कि टेंडर तक सड़क निर्माण का हो चुका है। देखिये क्या कहते हैं अधिकारी
पाइप लाइन मार्ग का वर्तमान में पेच वर्क चल रहा है। आईआईटी रूड़की से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रस्ताव दिल्ली जल बोर्ड को भेजा गया है। कुछ आपत्तियां थी जल बोर्ड की। उनका जवाब दे दिया गया है। अब जब प्रस्ताव स्वीकृत हो जायेगा तभी बताया जायेगा। अभी यह भी नहीं बता सकते कि कितनी धनराशि का प्रस्ताव दिल्ली जल बोर्ड को भेजा गया है।


कपिल कुमार, कार्यवाहक अधिशासी अभियंता, दिल्ली जल सम्पूर्ति इकाई, उप्र जल निगम गाजियाबाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *