Dainik Athah

हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनवाने के लिए थे प्रयत्नशील: के सी त्यागी

प्रकशवीर शास्त्री की 102 वीं जयन्ती समारोह सौल्लास संम्पन्न



स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान आर्य समाजियों का था: बालेश्वर त्यागी 

गाजियाबाद। आर्य समाज मंदिर राज नगर के तत्वावधान में दिग्गज आर्य नेता,लोकप्रिय सांसद प्रकाशवीर शास्त्री की 102 वीं जयन्ती समारोह सौल्लास संम्पन्न हुआ। सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक नरेशदत्त आर्य ने प्रकाशवीर शास्त्री गुणगान भजनो के माध्यम से किया जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।
मुख्य वक्ता के सी त्यागी पूर्व सांसद एवं विख्यात राजनेता ने कहा कि प्रकशवीर शास्त्री समाज की बुराइओं को दूर करने,हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनवाने के लिए प्रयत्नशील थे।उन्होंने उनके कई संस्मरण सुनाए जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए वह बोले कि प्रकाशवीर शास्त्री जैसा धारा प्रवाह बोलने वाला वक्ता उस वक्त तक नहीं था वर्तमान सरकार उनके मुद्दों को लेकर चल रही है यह एक अच्छी पहल है।
विशिष्ठ अतिथि बालेश्वर त्यागी (पूर्व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार) ने कहा कि प्रकाश वीर शास्त्री अच्छे सांसद के साथ-साथ विद्वान थे स्वाध्यायशील थे उन्होंने मेरे सपनों का भारत आदि अनेकों पुस्तकें लिखी उन्होंने अपने जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा आर्य समाज के लिए लगाया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान आर्य समाजियों का था।संस्कार वह तत्व है जो व्यक्ति को पूर्णता प्राप्त कराते हैं हम अच्छे इंसान बनने का प्रयास करें यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि उनके प्रति होगी।
प्रकाश वीर शास्त्री के भांजे डॉक्टर संजय त्यागी जोकि अपोलो हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं ने कहा की बचपन में उन्होंने हमको गायत्री मंत्र और संध्या सिखाई वह बहुत दूरदर्शी थे प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद उनके सपने साकार हो रहे हैं।
श्रद्धानंद शर्मा ने कहा कि वह अत्यंत लोकप्रिय सांसद प्रभावशाली वक्ता राष्ट्रवादी चिंतक आर्य समाज के दिग्गज नेता थे उनको गए हुए 48 वर्ष हो गए हैं उन्होंने बताया कि 21 वर्ष तक उनके साथ उन्होंने मिलकर कार्य किया और उन्होंने बहुत ही उनके संस्मरण सुनाए वह बोले कि वह हंसमुख स्वभाव और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।

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